देहरादून: भाजपा सरकार ने कराए अंकिता हत्याकांड के सबूत नष्ट: रावत

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Published By Bhupesh Kanaujia
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देहरादून, अमृत विचार। अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड की जांच हाईकोर्ट के न्यायाधीश की देखरेख में सीबीआई से कराने, रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी के नाम का खुलासा तथा दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना दिया। 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस दौरान आरोप लगाया कि सरकार ने इस जघन्य हत्याकाण्ड के सबूतों को नष्ट करने का काम किया है। ऐसे जघन्य अपराध राज्य में महिला सुरक्षा के लिए गम्भीर चिन्ता का विषय हैं। कांग्रेस अंकिता को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है, पर सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है।

भाजपा नेता के पुत्र का रिजॉर्ट होने के चलते सरकार द्वारा शुरुआत से ही इस घटना पर पर्दा डालने का काम किया गया। सरकार के दबाव में पहले राजस्व पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में हीलाहवाली की, फिर रेगुलर पुलिस ने चार दिन तक गुमशुदगी दर्ज नहीं की। ऐसी किसी घटना होने पर उस स्थान को सील कर दिया जाता है परन्तु रात के अंधेरे में सबूतों को नष्ट करने का काम किया गया। कहा कि, जिस वीआईपी के नाम पर अंकिता हत्याकाण्ड को अंजाम दिया गया, उसके नाम का भी खुलासा करने में सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन कतरा रहा है। 
 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड के दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं। भाजपा नेता के रिजॉर्ट में अंकिता के साथ हुई जघन्य घटना के बाद जिस प्रकार रातोंरात सबूत नष्ट करने का काम किया गया, उससे स्पष्ट है कि भाजपा सरकार में अपराधियों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। 


सरकार की नीयत ठीक नहीं: ज्योति
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने आरोप लगाया कि अंकिता की निर्मम हत्या के बाद अपराधी को इतना वक्त दिया गया कि वह साक्ष्य मिटा सके। एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बुलडोजर से तोड़कर नष्ट कर दिया गया। जहां सीसीटीवी कैमरा सहित कई साक्ष्य कोर्ट में महत्वपूर्ण हो सकते थे। अपराधियों के मोबाइल और उनके संरक्षकों के मोबाइल गायब बताए गये हैं। अभी तक सरकार वीआईपी का नाम सार्वजनिक नही कर पाई है। इससे साफ है कि सरकार की नीयत ठीक नही है। कहा जब तक अंकिता को न्याय नही मिल जाता, तब तक महिला कांग्रेस सरकार के खिलाफ संघर्ष करती रहेगी। 

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