मुरादाबाद: श्री अन्न योजना बदलेगी किसान और किसानी की धारणा, कैबिनेट ने 186 करोड़ की योजनाओं को दी है मंजूरी

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Published By Priya
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2027 तक की बनी योजना

(आशुतोष मिश्र) मुरादाबाद, अमृत विचार। देश की अर्थ व्यवस्था में एक ट्रिलियन की हिस्सेदारी की गारंटी के लिए सरकार विविध क्षेत्रों में प्रयास कर रही है। कृषि एवं कृषि अनुसंधान, विपणन के क्षेत्र में योजनाबद्ध प्रयास शुरू हो गए हैं। किसान की आमदनी बढ़ाने और परिष्कृत खेती का संकल्प लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। हम किसान और किसानी की अवधारणा परिमार्जित करेंगे। श्री अन्न योजना में हम खेती के स्वाभाविक लक्ष्य हासिल कर किसान को और समृद्ध बनाएंगे। इसके लिए कैबिनेट ने 186 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी है। वर्ष 2027 तक की योजनाओं का क्रियान्नवयन शुरू है।

गजरौला में आम निर्यातकों से संवाद करने आए कृषि, कृषि अनुसंधान एवं कृषि शिक्षा मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यह जानकारी दी। सोमवार को यहां रेलवे के विश्राम गृह बातचीत में शाही ने किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। मास्को के फेयर में अमरोहा से 40 टन आम के निर्यात किए जाने की उपलब्धि पर पर प्रसन्नता व्यक्त की। बताया कि अमरोहा का मैंगो पैक हाउस आम का नियमित निर्यात कर रहा है। पिछले साल प्रदेश में 19,000 करोड़ रुपये का कृषि उत्पादन हुआ था। अनाज और अन्य कृषि उत्पाद की वैश्विक मांग को देखते हुए राज्य के 75,000 किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराए गए हैं। प्राकृतिक खेती के तरफ हम तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। 

कहा, परंपरागत के साथ विष मुक्त, पौष्टिक अन्न के उत्पादन में सरकार जुटी है। विष मुक्त खेती से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। सरकार ने भूमि उर्वरा शक्ति अर्जन अभियान शुरू किया है। गंगा नदी के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में इस तरह की खेती की जा रही है। बुंदेलखंड के सभी सात जिलों को प्राकृतिक खेती के लिए चयनित किया गया है। यह कार्य हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है, इसके लिए सरकार ने पांच साल की योजना निर्धारित कर ली है। देश की आजादी के 100 साल होने पर प्रदेश के विकास में खेती के हिस्से की स्थिति का अध्ययन कर रही है। इस पर हम शोध कर रहे हैं। विभिन्न तरीके से हम खेती में प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं। किसानों को एफपीओ, प्रोसेसिंग सेंटर, विपणन आदि की सुविधाएं दी जा रही हैं।

बताया कि मुरादाबाद, बरेली में बीज विधायन केंद्र स्थापित है, जहां का वार्षिक लक्ष्य बढ़ाया जाना है। बरेली में अभी हम सालाना 90,000 क्विंटल प्रमाणिक बीज का उत्पादन कर रहे हैं, इसका बढ़ाया जाना है। सहारनपुर में चार टन की क्षमता के उपकरण स्थापित किए गए हैं। शाही कहते हैं कि यूपी देश की अर्थव्यवस्था में सशक्त भागीदारी के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। सब्जी की खेती, फलों का उत्पादन, मोटे अनाजों की खेती का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है। हम गन्ना के साथ हर उत्पाद को मुद्रादायिनी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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