सेबी ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज मामले में सात इकाइयों को 4.3 करोड़ रुपये चुकाने का नोटिस भेजा
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड की अनुषंगी रेलिगेयर फिनवेस्ट के कोष की हेराफेरी से संबंधित एक मामले में सात इकाइयों को 15 दिन के अंदर 4.3 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा है।
सेबी ने इसके साथ ही नियत समय में यह राशि नहीं चुकाने पर संबंधित इकाइयों की संपत्तियों एवं खातों को कुर्क करने की चेतावनी भी दी है। सेबी ने यह राशि वसूलने के लिए गिरफ्तारी या हिरासत में लेने का विकल्प भी रखा है।
जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें टोरस बिल्डकॉन, आर्टिफाइस प्रॉपर्टीज, रोजस्टार मार्केटिंग, ऑस्कर इन्वेस्टमेंट, एड एडवर्टाइजिंग, जोल्टन प्रॉपर्टीज और सौभाग्य बिल्डकॉन हैं। सेबी ने अक्टूबर, 2022 में इन इकाइयों पर लगाए गए जुर्माने को नहीं चुकाने के बाद यह मांग नोटिस भेजा है।
सोमवार को भेजे नोटिस में सेबी ने कंपनियों को 15 दिन के अंदर 4.3 करोड़ रुपये चुकाने के लिए कहा है। इसमें ब्याज और वसूली लागत शामिल हैं। सेबी ने रेलिगेयर फिनवेस्ट के कोष की हेराफेरी करने के लिए अक्टूबर, 2022 में इन सात कंपनियों समेत 52 इकाइयों पर कुल 21 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था।
इस मामले में बाजार नियामक ने टोरस पर 85 लाख रुपये, आर्टिफाइस पर 65 लाख रुपये, ऑस्कर और रोजस्टार पर 60-60 लाख रुपये, जोल्टन और एड एडवर्टाइजिंग पर 50-50 लाख रुपये और सौभाग्य बिल्डकॉन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
