अयोध्या : बाराबंकी के रसूखदार सहायक अध्यापक के आगे विभाग ने टेके घुटने
अयोध्या, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग में बाराबंकी जिले में तैनात एक निलम्बित रसूखदार सहायक अध्यापक के आगे विभाग घुटने टेक दिए हैं। भवन निर्माण में घोटाले के मामले में निलंबित सहायक अध्यापक 18 साल से बिना किसी आदेश के निलंबन भत्ता डकार रहा है लेकिन विभाग जांच पर जांच का खेल कर रहा है। इतना ही नहीं सरकारी नौकरी में रहते हुए बाराबंकी के जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष भी रहा लेकिन विभाग आज तक आरोपी शिक्षक को बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
पूरा प्रकरण बाराबंकी के पारा कुंअर प्राथमिक विद्यालय में तैनात रहे सहायक अध्यापक धीरेन्द्र कुमार वर्मा का है। मृतक आश्रित के तहत 2001 में नियुक्ति पाने के बाद सहायक अध्यापक धीरेन्द्र वर्मा का रसूख शिक्षा विभाग पर शुरु हो गया। एक सियासी दल से जुड़े होने का लाभ उठाते हुए निर्माण प्रभारी बन गए और भवन निर्माण में लाखों का वादा-न्यारा किया। जिसके चलते 2006 में धन के दुरुपयोग के मामलें में निलम्बित कर दिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग में यह पहला मामला होगा जब 18 साल तक एक सहायक अध्यापक निलम्बित हो और उसे बाकायदा निलम्बन भत्ता दिया जा रहा हो। इस रसूखदार सहायक अध्यापक ने विभाग को अपनी उंगलियों पर ऐसा नचाया कि परिषदीय शिक्षक कर्मचारी वेतन भोगी सहकारी ऋण समिति बनाई और शिक्षकों से ही वसूली कर अकूत धन अर्जित कर लिया। इतना ही नहीं सरदार पटेल संस्थान के भवन को झाबेर बा पटेल बालिका का फर्जी भवन दिखा कर मान्यता ले ली। इस मामले को लेकर बाराबंकी के ग्राम कुरौली के नवीन चन्द्र ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी से शिकायत की तो जांच का आश्वासन दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि आज भी आरोपी सहायक अध्यापक को लेखाधिकारी बाराबंकी से निलम्बन भत्ता दिया जा रहा है।
लाख टके का सवाल यह है कि लोकसेवक के रहते हुए सहायक अध्यापक चुनाव कैसे लड़ा और कोआपरेटिव बैंक का अध्यक्ष कैसे बन गया। जबकि स्पष्ट सरकारी नियमावली है कि लोकसेवक रहते हुए कोई अन्य कार्य नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा तब ही वह अन्य कार्य कर सकता है। वैसे मौजूदा समय महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश पर मामले में जांच एडी बेसिक अयोध्या मंडल कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता से ही साक्ष्य और प्रमाण मांग रहे जिम्मेदार
पूरे प्रकरण में सबसे हास्यास्पद स्थिति यह है कि शिकायत कर्ता से ही जांच के लिए साक्ष्य और प्रमाण मांगे जा रहे हैं। सहायक शिक्षा निदेशक के यहां शिकायत की गई तो शिकायतकर्ता नवीन चन्द्र से साक्ष्य मांगे गए। इसके बाद अब उन्होंने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से आपत्ति दर्ज कराई। हाल यह है कि जांच के नाम पर चिट्ठियों का दौर जारी है।
कार्रवाई को भेजा पत्र
निलम्बित सहायक अध्यापक के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के लिए बाराबंकी बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है। आरोपी शिक्षक को निलम्बन भत्ता मिल रहा है या नहीं बीएसए का अधिकार क्षेत्र है। बाराबंकी बीएसए से इस सम्बंध में भी रिपोर्ट मांगी जा रही है।
- राम सागर पति त्रिपाठी, सहायक शिक्षा निदेशक, अयोध्या मंडल
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