Etawah News : सफारी में शेरनी सोना के एक और शावक की मौत

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Published By Jagat Mishra
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इटावा, अमृत विचार। इटावा सफारी पार्क की लायन सफारी में  गुरुवार को एक और शावक की मौत हो गई है। अब तक चार शावको की मौत हो चुकी है। एक शावक जीवन और  मौत से जूझ रहा है। सफारी के उप निदेशक जय प्रकाश सिंह ने  मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि कि शावक को बचाने की भरपूर प्रयास किए गए लेकिन पूरी कोशिशों के बाद उसे बचाया नहीं जा सका। सफारी में नौ जुलाई को शेरनी ने जिस शावक को जन्म दिया था उसने 13 जुलाई को दम तोड़ दिया।  शेरनी सोना ने 5 शावकों को जन्म दिया था इनमें से तीन शावको की मौत 9 और 10 जुलाई हो चुकी थी।
 
गुरुवार को एक और शावक की मौत के बाद अब तक चार शावको की मौत हो चुकी है। 13 जुलाई को सुबह 8.30 बजे शेरनी सोना द्वारा 9 जुलाई  को जन्म दिये गये शावक की तबियत बिगड़ गई। पशु चिकित्सकों की टीम ने उसका  परीक्षण किया तो यह पाया गया कि उसके पेट फूलने एवं सांस लेने में समस्या आ रही थी। इलाज के दौरान ही अचानक 11.55 बजे पर शावक का शरीर निष्क्रिय हो गया। प्रथम दृष्टया मृत शरीर के परीक्षण पर सांस रुकने के कारण ही मौत होना पाया गया। सफारी के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया है कि शावक के मृत शरीर के पोस्ट मार्टम के बाद  ही मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लग सकेगा।  डिप्टी डायरेक्टर जय प्रकाश ने बताया है कि इस संबंध में गुजरात के विशेषज्ञों से हुई बातचीत में भी यह स्पष्ट हुआ है कि भारतीय बब्बर शेरों में प्रथम प्रसव के दौरान जन्में शावकों का बच पाना प्राय: सम्भव नहीं हो पाता है। इन विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े लिटर साइज में यह सम्भावना और भी कम हो जाती है।

जीवित शावक को बचाने की कोशिश जारी 
शेरनी सोना के 6 जुलाई  को जन्में प्रथम शावक को सफारी के नियो नेटल सेंटर में वन्यजीव चिकित्सकों की सघन निगरानी में रखा गया है। सफारी में शेरनी साेना ने कु़ल पांच शावकों को जन्म दिया था। गुरुवार को एक शावक की मौत के बाद अब तक पांच में से चार शावकों की मौत हो चुकी है। अब एक शावक जीवित है और सफारी प्रशासन इसे बचाने की कोशिशों में जुटा है। बताया गया है कि शावकों को जन्म देने के बाद शेरनी सोना ने इन  शावकोें को दूध नहीं पिलाया और इन्हे अपनाया भी नहीं। शेरनी सोना के दूध ना पिलाने पर सफारी प्रशासन सोना के शावक को बचाने के लिए उन्हे बोतल से दूध पिला रहा है। दो शावकों को बोतल से दूध पिलाया जा रहा था उनमें से एक शावक ने गुरुवार को दम तोड दिया। अब शेरनी सोना के एकमात्र जीवित बचे शावक को बचाने के लिए उसे बोतल से दूध दिया जा रहा है।  इसके साथ ही डाक्टर व कीपर उसे बचाने के लिए लगे हैं।

शासन ने अपनाया कड़ा रुख
सफारी में शेरनी सोना के शावकों की मौत को लेकर शासन गंभीर है। बताया गया है कि शासन ने इन शावकों के जन्म लेने से लेकर इनकी मौत तक का पूरा ब्योरा तलब कर लिया है। गुरुवार को सोना के चौथे शावक ने भी दम तोड़ दिया और एकमात्र जीवित बचे शावक की हालत भी अच्छी नहीं है , उसे बचाने की कोशिशें जारी है। इस बीच शासन ने पूरा ब्योरा तलब कर लिया है। सफारी प्रशासन ने इन शावकों की मौत के मामले को छिपाए रखा था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद यह मामला खुल गया।

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