गौरवशाली क्षण
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पल शामिल हो गया जब देश ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। चंद्रयान-3 ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया।
अगले 40 दिनों में यह चंद्रमा तक पहुंच जाएगा। प्रक्षेपण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा तथा यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। वास्तव में चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है।
यह उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम का परिणाम है। यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है। पिछला मिशन सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैन्डिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था।
इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए जो तीन मुख्य उद्देश्य निर्धारित किए हैं, उनमें लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन तथा चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञानिक प्रयोग करना शामिल है।
मिशन की सफलता पर भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चौथा देश बन जाएगा जिन्होंने चंद्रमा पर लैंडिंग की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मिशन स्वदेशी है और आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर खरा उतर रहा है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक यह आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक अग्रणी वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत की भूमिका को बढ़ाएगा।
चंद्रयान-3 मिशन दुनिया के सामने भारत की तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा और चन्द्र सतह के बारे में हमारी समझ का विस्तार करेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और दृढ़ता का प्रमाण है, जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को लगातार नई ऊंचाइयां दे रहे हैं।
