बरेली: स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद भी आजम नगर में सुविधाएं नहीं

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बरेली,अमृत विचार। नगर निगम से चंद कदमों की दूरी पर स्थित वार्ड नंबर 20 आजम नगर में सीवर लाइन चोक होने से हल्की बारिश में जलभराव हो जाता है। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में चयनित इस वार्ड में पिछले ढाई साल से एक हाईमास्ट लाइट नहीं लग सकी है। महज प्रयास ही चल रहे हैं। …

बरेली,अमृत विचार। नगर निगम से चंद कदमों की दूरी पर स्थित वार्ड नंबर 20 आजम नगर में सीवर लाइन चोक होने से हल्की बारिश में जलभराव हो जाता है। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में चयनित इस वार्ड में पिछले ढाई साल से एक हाईमास्ट लाइट नहीं लग सकी है। महज प्रयास ही चल रहे हैं।

जलकल की व्यवस्था ठीक न होने के कारण लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल यह वार्ड फिलहाल विकास से काफी दूर नजर आ रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस वार्ड में अभी तक एक भी काम नहीं हुआ।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में जो वार्ड चुने गए हैं उनमें आजम नगर भी शामिल है। इस वार्ड में बीते तीन वर्षों में बहुत कम काम हुए। स्मार्ट सिटी में चयन होने से पहले के विकास कार्य ही वार्ड में दिख रहे हैं। जबकि स्मार्ट सिटी के तहत वार्डों को चमकाने पर करोड़ों रुपये फूंके जा रहे हैं। दूसरी तरफ नगर निगम भी इन वार्डों पर बजट खर्च करने से मुहं मोड़ रहा है।

यहां सीवर लाइन काफी पुरानी होने के कारण चोक हो चुकी है। इससे जगह-जगह लोगों के घरों के सामने पानी भर जाता है। वार्ड की टूटी सड़कें न बनने के कारण लोगों का चलना दूभर हो गया है। वार्ड में दो पार्क हैं, इसमें अम्बेडकर और मोती पार्क बदहाल पड़े हुए हैं। इसी वार्ड में कुतबखाना मंडी है जहां पर सीवर लाइन नहीं है। मोहल्ले की डेयरियां होने के कारण गोबर नालियों में जाता है जिससे नालियां चोक हो जाती हैं और गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है।

इस वार्ड में होने हैं यह कार्य
प्रमुख चौराहों और दो पार्कों का सुंदरीकरण, अवैध डेयरियां हटाई जानी हैं। वार्ड के पार्षद ने सुझाव दिया है कि सीवर लाइन, गैस पाइप लाइन, जलकल की पुरानी लाइनों को बदला जाए। पथ प्रकाश की व्यवस्था ठीक हो। यहां हाईटेंशन लाइन समेत बिजली के तारों को अंडरग्राउंड (भूमिगत) किया जाना है। हाट मिक्स सड़क पड़नी है। इसके साथ ही कच्ची गलियों को पक्का किया जाना है। जिला अस्पताल के दोनों गेटों को ओवरब्रिज के माध्यम से जोड़ा जाना है।

घंटाघर, कुतबखाना मंडी और जिला अस्पताल हैं इसी वार्ड का हिस्सा
अंग्रेजों के जमाने का घंटाघर, कुतबाखाना मंडी, पंजाबी मार्केट और जिला अस्पताल इसी वार्ड में है। कागजों में 30 हजार आबादी है इस वार्ड की। करीब 12 हजार वोटर चुनाव में पार्षद को चुनते हैं। वार्ड के कुछ हिस्से में यहां फर्नीचर का काम होता है।

तीन साल से वार्ड में कोई काम नहीं हो पाया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चयन होने के बाद कई बार जिम्मेदार अफसरों को सुझाव भी दिया गया लेकिन अभी तक महज एक लाइट लगवाने के लिए नींव रख पाए हैं। सबसे अधिक जरूरी सीवर और जलकल का काम है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बेकार साबित हो रहा है। इससे अधिक विकास नगर निगम से हो चुका है। स्मार्ट सिटी के आफिस के चक्कर लगाने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलता है कि कब से काम शुरू किया जाएगा। 22 साल से पार्षद होने के दौरान इतना कम काम कभी नहीं हुआ। -महलका कुरैशी, पार्षद

“डेयरी होने से नाला चोक हो जाता है। वार्ड स्मार्ट कब होगा कुछ नहीं कह सकते फिलहाल तो यहां के लोग नरक झेल रहे हैं। सड़कें खराब होने से आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था का हाल बेहाल है। जगह- जगह गंदगी जमा है।” -बाबू मियां

“स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट से अभी तक वार्ड में कोई काम नहीं हो सका है। सड़कों का हाल बेहाल है, डलावघर के पास गंदगी जमा रहती है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वार्ड में चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। वार्ड के मुख्य मार्ग और गलियों की सड़कें जर्जर हो चुकी है।” -मोहम्मद अफजाल

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