सड़क सुरक्षा पखवाड़ा : नियमों का पढ़ाया जा रहा पाठ, फिर भी सड़कों पर दिखा रहे ठाट
बिना हेलमेट दिखे विद्यार्थी, स्कूल बस ड्राइवरों ने नहीं लगाई थी सीट बेल्ट
अयोध्या, अमृत विचार। भले ही जनपद में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा चल रहा हो, लेकिन इसका आम लोगों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। वे बिना सीट बेल्ट व हेलमेट के सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे हैं। यही नहीं स्कूल-कॉलेजों में आए दिन यातायात नियमों को लेकर कार्यशाला लगाई जाती है। इसके बावजूद बच्चे बिना हेलमेट सड़कों पर फर्राटा भरते हैं। स्कूल बस ड्राइवर भी वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जागरूकता के अभाव में ये लोग आए दिन ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सवाल यह कि आखिर लोग कब ट्रैफिक नियमों की ओर ध्यान देंगे।
शहर में ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर चलना आम हो गया है। लोग बिना किसी भय के वाहन दौड़ा रहे हैं। ट्रैफिक नियमों की लगातार धज्जियां उड़ा रहे हैं। सड़क सुरखा पखवाड़े के तीसरे दिन बुधवार को जब अमृत विचार ने पड़ताल की तो देखा कि सबसे अधिक नियमों को तोड़ने वालों में स्कूली बच्चे ही शामिल थे। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बिना हेलमेट के तीन सवारी बैठाकर वाहन दौड़ाते दिखे। सिविल लाइन्स, पुष्पराज चौराहा, रिकाबगंज, चौक, देवकाली व नाका सहित अन्य स्थानों पर ऐसा नजारा आम रहा। स्कूल बस चालकों को भी देखा गया कि वे बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चला रहे थे। स्कूल संचालकों को भी यह बात समझनी होगी और विद्यार्थियों व बस चालकों को सख्ती से समझाना होगा।
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गौरतलब है कि संभागीय परिवहन कार्यालय पर सोमवार को सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया था। इस दौरान ट्रैफिक नियमों को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए तीन प्रचार वाहनों को भी रवाना किया गया था। आरटीओ ऋतु सिंह ने बताया था कि यह पखवाड़ा 31 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के अलावा स्कूल-कॉलेजों में ट्रैफिक नियमों से बच्चों को जागरूक किया जाएगा।
ई-रिक्शा चालकों ने मचा रखा है गदर
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए कोढ़ बन चुके ई-रिक्शा चालकों ने सबसे अधिक गदर काट रखा है। शहर के तमाम इलाकों में ई-रिक्शा दौड़ाने वाले चालक मनमर्जी के मालिक हैं। जहां-तहां रिक्शा रोककर सवारी भरने लगते हैं। चौक, रिकाबगंज व देवकाली समेत अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर इन्हीं की वजह से जाम लगता है। अमूमन ई-रिक्शा चालक अंडर एज ही हैं।
आईटीएमएस की व्यवस्था धड़ाम
शहर में ट्रेफिक कंट्रोल और नियमों को तोड़ने वालों पर अंकुश लगाने के लिए आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) लागू किया गया था। इसके तहत शहर के 20 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे। साथ ही हाई क्वालिटी के कैमरे भी लगाए थे, जिसके तहत ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों को चालान करना था, लेकिन शहर में हो रहे चौड़ीकरण के कारण नगर निगम की यह योजना भी फ्लॉप हो गई।
स्कूल-कॉलेजों में लगातार ट्रैफिक नियमों की कार्यशाला लगाई जाती है। संचालकों द्वारा भी स्कूल में बच्चों को जागरूक किया जाता है। अगर ऐसे मामले बढ़े हैं तो कार्रवाई की जाएगी। -प्रमोद यादव, सीओ ट्रैफिक
सड़क सुरक्षा पखवाड़े के तहत अभी सिर्फ जागरुकता का अभियान चलाया जा रहा है। पखवाड़े के समाप्त होते ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।-प्रवीण कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन
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