प्रतापगढ़ : बीडीओ बिहार कर्मचारियों का कर रहे आर्थिक और मानिसक शोषण, विरोध में कर्मचारी लामबंद
अमृत विचार, प्रतापगढ़ । बिहार ब्लाक के खंड विकास अधिकारी कर्मचारियों का आर्थिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए ब्लाक के पंचायत सचिव एवं अन्य कर्मचारी लामबन्द हो गए हैं। सभी ने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को सामूहिक पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
बिहार विकास खण्ड में कार्यरत ग्राम पंचायत सचिवों ने शिकायती पत्र के माध्यम से बीडीओ बिहार पर आर्थिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को दिए गए पत्र में बताया कि सभी कार्यों व दायित्वों का पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन किया जाता है। ग्राम पंचायतों में विषम परिस्थितियों में भी कार्य किया जा रहा है, बीडीओ बिहार के द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया जाता है। इसके विपरीत कर्मचारियों से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए दुर्व्यवहार किया जाता है।
यह भी आरोप लगाया कि पिछले छह माह से कोई न कोई कारण बताकर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के लिए वेतन अवरुद्ध किया जा रहा है। इससे विकास खण्ड के कर्मचारी आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। अनावश्यक रूप से परेशान करने के लिए रात्रि में समीक्षा बैठक के नाम पर गाली, अभद्रता की जाती है। बताया कि महिला कंप्यूटर आपरेटर ने बीडीओ की अभद्रता व दुर्व्यवहार की शिकायत सीडीओ से पूर्व में की है। स्थानीय बाबू दिनेश चन्द्र सोनकर को एक सचिव का वेतन अवरुद्ध करने का पत्र न निर्गत करने के कारण बीडीओ द्वारा यह कहा गया कि क्या उक्त सचिव आपका दामाद है क्या जो पत्र नहीं बनाया।
ऐसे आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने कहा कि लगातार शोषण किया जा रहा है। जिससे सभी कर्मचारी मानसिक अवसाद से ग्रसित हैं। बीडीओ के साथ कार्य करने में स्वयं को अपमानित व असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सामूहिक रूप से सभी ने शिकायती पत्र के द्वारा कहा भविष्य में में किसी भी कर्मचारी के साथ कोई भी अप्रिय घटना होती है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी बीडीओ बिहार की होगी। मामले में कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
अखिलेश कुमार मरोज, दीपेन्द्र सिंह, अलोक यादव, अजय कुमार प्रजापति, सुधीर कुमार सोनू, अभिषेक सिंह, अभिजीत यादव, निर्भय प्रताप सिंह, अविनाश सिंह पटेल, दिनेश चन्द्र सोनकर, गीता देवी, दुर्गेश यादव, अनुराग यादव के अलावा तकनीकी सहायक, कम्प्यूटर आपरेटर आदि मौजूद रहे।
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