पाकिस्तान ने की ISRO के वैज्ञानिकों की सराहना, चंद्रयान-3 की सफलता को बताया 'महान वैज्ञानिक उपलब्धि'
इस्लामाबाद। भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को "महान वैज्ञानिक उपलब्धि" बताते हुए पाकिस्तान ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों की सराहना की। पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों ने अमीर देशों की तुलना में कम बजट में इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए भारत की तारीफ की। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच से शुक्रवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया था।
उन्होंने अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा, “मैं केवल यह कह सकती हूं कि यह एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं।” पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर अब तक भारत की ऐतिहासिक सफलता को नजरअंदाज किया था। हालांकि, पाकिस्तानी समाचार पत्रों ने इस ऐतिहासिक क्षण को पहले पन्ने पर स्थान दिया। समाचार पत्र ‘डॉन’ ने अपने संपादकीय 'भारत की अंतरिक्ष खोज' में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को ऐतिहासिक बताया।
उसने कहा कि भारत इस विशेष उपलब्धि के लिए सराहना का पात्र है, क्योंकि उसने कम बजट में वह हासिल किया, जो अमीर देशों ने बड़ी रकम खर्च करके हासिल किया था। समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में कहा, “भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता की कुंजी शायद सरकार से लगातार मिलने वाला समर्थन है। इसके अलावा, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की गुणवत्ता और समर्पण भी, जिन्होंने इस कठिन मिशन को संभव बनाने में मदद की।”
इसमें कहा गया है, “तुलनाएं वास्तव में घृणित हैं, लेकिन पाकिस्तान के पास भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता से सीखने के लिए बहुत कुछ हो सकता है। पाकिस्तान का अंतरिक्ष कार्यक्रम भारत से पहले शुरू किया गया था, लेकिन उसे मामूली सफलता मिली।” समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने 'इंडियाज लूनर लॉरेल' शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय में कहा कि भारत की महत्वाकांक्षी उड़ान ने वास्तव में कुछ ऐसा हासिल किया है, जिसे पाने में अमेरिका, सोवियत-संघ और चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम विफल रहे। पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की।
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