बरेली: घनी आबादी के बीच बना दी शूटिंग रेंज अब सात करोड़ का बजट दांव पर, जानिए मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर शूटिंग रेंज को हटाने का आग्रह, डीएम-एसएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट और प्रमुख सचिव गृह को बनाया पार्टी
प्रतिकात्मक फोटो
बरेली, अमृत विचार। स्मार्ट सिटी के तहत बनाई गई अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज कानूनी पेच में फंसने के साथ इस पर खर्च किया गया सात करोड़ का बजट भी दांव पर लग गया है। घनी आबादी के बीच बनाई गई इस शूटिंग रेंज से लोगों की जानमाल को भारी खतरे की आशंका जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर उसे आबादी से दूर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की गई है। इस याचिका में बरेली के डीएम-एसएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट के साथ प्रमुख सचिव गृह को पार्टी बनाया गया है।
बमनपुरी में रहने वाले मानवेंद्र सिंह की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि बरेली राइफल क्लब की स्थापना सन् 1965 में की गई थी। यह संस्थान उत्तर प्रदेश राइफल क्लब एसोसिएशन से संबद्ध है और उसे निजी संविधान के अनुसार संचालित किया जाता है।
याचिका में उल्लेख है कि स्थापना के समय राइफल क्लब के आसपास आबादी नहीं थी लेकिन समय गुजरने के साथ शूटिंग रेंज अब शहर की मुख्य आबादी के बीच आ गई है। हाल ही में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राइफल क्लब में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 6.83 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है।
याचिका में उल्लेख किया गया है कि बरेली राइफल क्लब की शूटिंग रेंज में 0.22 बोर राइफल और 12 बोर की डबल बैरल राइफल से अभ्यास किया जा रहा है। इन हथियारों की मारक क्षमता डेढ़ से दो किलोमीटर तक है। इस दायरे में घनी आबादी होने के कारण शूटिंग रेंज में अभ्यास के दौरान कभी भी दुर्घटना हो सकती है। यह भी कहा गया है कि इस संबंध में डीएम को दो मार्च 2023 को शिकायती पत्र दिया गया था लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
खतरे की जद में कई सरकारी और गैरसरकारी रिहायश
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में बताया गया है कि बरेली राइफल क्लब की निर्माणाधीन शूटिंग रेंज से 30 मीटर के दायरे में किंग्स अपार्टमेंट्स कॉलोनी और 70 मीटर के दायरे में एडीएम कपांउड है। इसके अलावा 150 मीटर के दायरे में डीएम कंपाउड और दो सौ मीटर के दायरे में डबल स्टोरी डिस्ट्रिक ऑफिसिर्स रेंजीडेंट की बिल्डिंग। पुलिस क्लब सिर्फ 50 मीटर दूर है और 70 मीटर की दूरी पर वकीलों के चैंबर हैं।
जैसे पटाखों की दुकानें हटाई गईं, वैसे ही शूटिंग रेंज हटाएं
विधि संवाददाता, प्रयागराज: जनहित याचिका में कहा गया है कि शूटिंग रेंज में ट्रेनिंग की वजह से स्थानीय लोगों को कई समस्याएं हो रही हैं। हाल ही में शहर में आबादी के बीच से पटाखों की दुकानों हटाया गया था, उसी तरह इस शूटिंग रेंज को भी घनी आबादी से बाहर कहीं दूर या दूसरे जिले में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की जरूरत है।
याचिका में लेबनान की राजधानी बेरुत के आर्म्स डिपो में हुए धमाके का हवाला देते हुए कहा गया कि घनी आबादी के बीच ऐसी संस्था होने से अनहोनी की आशंका बनी रहती है। याचिका में प्रार्थना भी की गई है कि डीएम बरेली को उनके दो मार्च 2023 के प्रत्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया जाए।
इधर भी तड़ातड़ फायरिंग...प्रावधान नहीं फिर भी क्रीड़ा सचिव को कार्यालय
बरेली राइफल क्लब की कार्यकारिणी के सदस्यों ने डीएम को पत्र लिखकर कार्यकारिणी के निर्णय के बाद भी मीटिंग हॉल तैयार न होने समेत कई अनियमितताओं की शिकायत की है। पत्र में कहा गया है कि कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया था कि उसके सदस्यों की बैठकों के लिए एक कक्ष तैयार किया जाएगा लेकिन यह कक्ष तैयार करने के बजाय वहां क्रीड़ा सचिव का कार्यालय बना दिया गया है जबकि क्रीड़ा सचिव का कार्यालय बनाने का कोई प्रावधान नहीं है। पिछले 30 साल क्रीड़ा सचिव रहे महिपाल सिंह और राजेश सिंह को भी कार्यालय नहीं उपलब्ध कराया गया था।
नियम विरुद्ध कारतूसों का आवंटन, आय-व्यय का हिसाब नहीं
कार्यकारिणी सदस्यों ने शिकायत की है कि शूटिंग रेंज में वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद भी आय-व्यय का विवरण और कारतूसों का सत्यापन नहीं हुआ है। कहा गया है पिछले दिनों हुई शूटिंग प्रतियोगिता के दौरान अलग-अलग इवेंट के लिए आवश्यकता से अधिक कारतूस आवंटित किए गए थे।
इसके अलावा प्रैक्टिस के नाम पर भी काफी ज्यादा कारतूस दिए गए हैं। यही नहीं, इसके बाद आवंटित कारतूसों के खोखे भी क्लब में जमा नहीं कराए गए हैं। इससे आय-व्यय की जांच नहीं हो पा रही है। पत्र के मुताबिक आय-व्यय के विवरण के लिए कार्यकारिणी के वरिष्ठ संरक्षक सदस्य राजेश सिंह और सदस्य आदेश कुमार दीक्षित को नामित किया गया था। आरोप है कि वित्तीय वर्ष के आय-व्यय और त्रैमासिक आय-व्यय की जानकारी भी कार्यकारिणी सदस्यों को नहीं दी जा रही है।
कार्यालय सहायक की भर्ती नियमविरुद्ध कोच के लिए अर्हता का उल्लेख नहीं
कार्यकारिणी सदस्यों की शिकायत है कि संविधान के मुताबिक क्लब में रचनात्मक क्रियाकलाप कार्यकारिणी के परामर्श से ही आयोजित करने का प्रावधान है। इसके बावजूद पहले से तैनात कार्यालय सहायकों को अकारण हटाकर बिना कोई विज्ञप्ति प्रकाशन और कार्यकारिणी के परामर्श के नए कार्यालय सहायक की भर्ती कर ली गई है।
इसके अलावा शूटिंग कोच की नियुक्ति के लिए भी समाचार पत्रों में जो विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई है, उसमें न्यूनतम अर्हता की जानकारी नहीं दी गई है। इससे अयोग्य प्रशिक्षकों के भर्ती की काफी आशंका है। कहा गया है कि न्यूनतम अर्हता के मानकों के अनुसार कोच के लिए स्पोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोटर्स पटियाला का शूटिंग प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
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