पीलीभीत: कम पड़ गए इंतजाम, बहनों की भीड़ के आगे दावे धड़ाम.. बहनें खूब हुई परेशान
पीलीभीत, अमृत विचार। रक्षाबंधन पर्व पर भले ही परिवहन विभाग की ओर से महिलाओं के लिए फ्री यात्रा की घोषणा कर दी गई, लेकिन जिले में बहनों को बस सेवा पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हो सकी। आखिर में बसों का इंतजार करने के बाद उन्हें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए डग्गामार वाहनों का सहारा ही लेना पड़ा। देर शाम तक बहनें अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए हाईवे पर बसों का इंतजार करते हुए नजर आई। कई बसें तो पहले से फुल होने के कारण बिना रुके ही निकल गई।
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन 30 व 31 अगस्त को मनाया गया। इस बार भी योगी सरकार की ओर से 48 घंटे के लिए महिलाओं को बस सेवा फ्री कर दी गई थी। जोकि 29 अगसत की रात 12 बजे से 31 अगस्त रात 12 बजे तक रही। जिले में रोडवेज डिपो की ओर से हर रूट पर बसों के फेरे बढ़ाने की घोषणा कर दी गई थी। बरेली, पूरनपुर, बीसलपुर रुट पर करीब बसों के फेरे बढा दिए गए। ताकि सवारियों को दिक्कत न उठानी पड़ी।
लेकिन गुरुवार को जब बहनों की भीड़ उमड़ी तो बस सेवा पर्याप्त नहीं हो सकी। महिलाओं की संख्या के आगे बसें कम पड़ गई। सुबह से नौगवां चौराहा, छतरी चौराहा, गौहनिया चौराहा, आसाम चौराहा, पूरनपुर हाईवे , बीसलपुर हाईवे और अमरिया हाईवे पर सवारियों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। लंबा इंतजार करने के बाद अगर बस मिल भी रही थी तो भीड़ होने के कारण महिलाओं को सीट भी नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में अपने घर पहुंचने की जल्दी में महिलाओं को टेंपो, मैजिक, ईको और प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ा। जिसमें उनका किराया भी मनमाना वसूलने की शिकायतें आती रहीं।
सबसे ज्यादा किल्लत ग्रामीण रूटों पर देखने को मिली। जहां महिलाएं पूरे दिन महिलाओं को बसों का इंतजार करना पड़ा। आखिर में उन्हें डग्गामार वाहनों का ही सहारा लेना पड़ा। डग्गामार वाहनों में भी सवारियां को ठूस-ठूस कर बैठाया गया था। मजबूरीवश कई यात्रियों को निजी वाहनों से अपना सफर तय करना पड़ा। ट्रेनों में भी भीड़ के चलते धक्का मुक्की के बीच सफर हो सका। असम चौराहे पर दिक्कत अधिक हुई। इन दिनों फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। यात्रियों के खड़े होने की जगह भी नहीं है।
वाहनों के गुजरने से उमड़ती धूल से चौराहे पर वाहनों का इंतजार करने वालों को काफी दिक्कत हुई। फ्लाईओवर का निर्माण कराने वाली संस्था ने पानी का छिड़काव भी नहीं कराया। बाइक सवारों को धूल के गुबार से होकर गुजरना पड़ा। दिनभर यही स्थित बनी रही। बाइक पर भी यातायात नियमों को दरकिनार कर जान जोखिम में डालकर सफर करते लोग दिखाई दिए।
ये भी पढे़ं- पीलीभीत: एक-एक कर चली गईं सात जान, बीमारी फैलने का शोर..दौड़े सीएमओ
