अयोध्या : जिले में 1700 शौचालयों का नहीं हो रहा है इस्तेमाल

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Published By Virendra Pandey
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अयोध्या, अमृत विचार। ग्राम पंचायतों में बने कई शौचालयों का अरसे से इस्तेमाल नहीं हो रहा है। वहीं कुछ शौचालयों के दरवाजे टूटे हैं तो किसी के गड्ढे का ढक्कन गायब है। जबकि कुछ शौचालयों के दरवाजे नीचे की तरफ से टूटे हुए है। लेकिन, ऐसे शौचालयों को प्रयोग में लाने के लिए अब शासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके अलावा खराब शौचालयों का रेट्रोफिटिंग कराकर इस्तेमाल में लाया जाएगा।
  
बीते दिनों शासन ने ग्राम पंचायतों में ओडीएफ योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिए बडी संख्या में शौचालयों का निर्माण कराया था। लेकिन कई ग्राम पंचायतों में शौचालयों के इस्तेमाल ना होने से सरकार की योजना को झटका लग रहा है। वहीं जिले में पंचायत सहायकों को ग्राम पंचायतों में निष्प्रयोजन पड़े शौचालयों के सर्वे की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रथम चरण में की गई पड़ताल में जिले की 835 ग्राम पंचायतों में पता चला है कि 1724 शौचालयों का अरसे से इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा हैं। इनमें से अधिकांश शौचालयों के दरवाजे टूट गए हैं तो कईयों के गड्ढों के ढक्कन ही मौके से नदारद है। जबकि कुछ शौचालयों के दरवाजे नीचे से टूटे मिले हैं। जिस कारण लोगों ने इनका प्रयोग करना अरसे से बंद कर रखा हैं। 

मरम्मत को लेकर तय धनराशि 

रेट्रोफिटिंग में एक शौचालय पर पांच हजार तक खर्च किए जाएंगे। दीवार का प्लास्टर टूटा है तो 1812, दरवाजा टूटा है तो 1500, गड्ढा निर्माण 4800 व शौकपिट का ढक्कन टूटा है तो 1700 रुपये खर्च होंगे। 

कोट -

शौचालयों की मरम्मत को लेकर ब्लाकों को निर्देश दिया गया है। जो लोग उपयोग नहीं कर रहे हैं प्रेरित किया जाता है। जिले ओडीएफ अभियान सफल है।
- दीपक कुमार, जिला समन्वयक, पंचायती राज विभाग, अयोध्या

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