
बरेली: कर्मचारी विहीन विभाग में करिए सरकारी घोषणाओं का पर्यटन
अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। एतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की सरकारी घोषणाएं और दावे हकीकत से जरा भी मेल नहीं खाते। सही स्थिति यह है कि पर्यटन विभाग में एक तिहाई अधिकारी भी नहीं रह गए हैं। बाकी स्टाफ का और ज्यादा टोटा है जिसकी वजह से ज्यादातर कार्यालयों में ताले पड़ चुके हैं। यह कमी पूरी करने की कोई कोशिश भी नहीं की जा रही है। एक-एक अधिकारी के पास तीन-तीन जिलों का प्रभार है जो और कुछ तो नहीं कर पा रहे लेकिन कागजी खानापूरी के जरिए इस विभाग का अस्तित्व जरूर बनाए हुए हैं।
बरेली के रीजनल ऑफिस में तीन अधिकारी ही तैनात हैं जो बरेली मंडल के बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत और मुरादाबाद मंडल के बिजनाैर, संभल, रामपुर, अमराेहा, मुरादाबाद समेत नौ जिलों का प्रभार संभाल रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन जिलों में पर्यटन विभाग की योजनाएं किस तरह क्रियान्वित की जा रही हैं। मंडल में पर्यटन विभाग के कार्यालयों की स्थिति और ज्यादा खराब है। इनमें न स्टाफ है और न संसाधन। ज्यादातर कार्यालयों में ताला लगा रहता है। बरेली से कोई अधिकारी पहुंचता है, तभी कुछ देर के लिए ताला खुलता है।
ये है स्थिति...
बरेली में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी के तौर पर ब्रजपाल सिंह तैनात हैं। सूचना पर्यटन अधिकारी मनीष सिंह हैं। इसके अलावा रामपुर में एक महिला पर्यटन अधिकारी हैं। ये तीनों ही बरेली और मुरादाबाद मंडल के नौ जिलों में पर्यटन के विकास की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
संस्कृत परिषद बनाई, किसी काम न आई
पिछले साल जिलों में पौराणिक, पुरातात्विक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षण देने के लिए जिला पर्यटन एवं संस्कृत परिषद का गठन किया गया था। जिसका डीएम को अध्यक्ष और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को सदस्य सचिव मनोनीत किया गया था। पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के गठन के बाद डीएम की अध्यक्षता में कई बैठकें हो चुकी हैं। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों से रूबरू कराने के युवा पर्यटन क्लब बनाने के निर्देश जारी हुए। गांवों में ग्रामीण और एग्रो पर्यटन, फार्म और होम स्टे को बढ़ावा देने के साथ पर्यटन गांवों में शेड लगाने की भी योजना बनी लेकिन मंडल के किसी जिले में इनमें से कोई काम नहीं हो पाया।
धरोहरों को संरक्षित करने के लिए जिला पर्यटन एवं संस्कृत परिषद का गठन हुआ है। बरेली और मुरादाबाद मंडल में सिर्फ तीन अधिकारी हैं। मुरादाबाद के पांचों जिलों का रीजनल ऑफिस बरेली है। यहीं से अधिकारी जिलों में जाते हैं, इससे तय समयसीमा में योजनाएं पूरी करने में दिक्कतें होती हैं। - मनीष सिंह, सूचना पर्यटन अधिकारी बरेली
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