मुरादाबाद : 16 साल में खंडहर हो गया करोड़ों का सोर्सिंग हब, टूट गए आर्टिजन्स और निर्यातकों के सपने 

लापरवाही : अधिकारियों की लापरवाह कार्यशैली से टूट गए आर्टिजन्स और निर्यातकों के सपने 

मुरादाबाद : 16 साल में खंडहर हो गया करोड़ों का सोर्सिंग हब, टूट गए आर्टिजन्स और निर्यातकों के सपने 

नया मुरादाबाद में अधूरा पड़ा एमडीए का सोर्सिंग हब।

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) की महत्वाकांक्षी परियोजना सोर्सिंग हब को नया मुरादाबाद के सेक्टर 4 में बनाया गया। लेकिन इसे प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही कहें या पीतलनगरी के आर्टिजंस या निर्यातकों की बदकिस्मती उनके सपने संवरने से पहले ही टूट गए। 16 साल में करीब 78 करोड़ रुपये की लागत से बना यह सोर्सिंग हब खंडहर में तब्दील हो गया। एमडीए बोर्ड की पांच सितंबर को हुई बैठक में इसको किसी अन्य उपयोग के लिए बेचने की हरी झंडी मिल चुकी है। 

नया मुरादाबाद में जब 16 साल पहले यह सोर्सिंग हब बना तो पीतलनगरी के शिल्पकारों, पीतलकार्य से जुड़े आर्टिजन्स, निर्यातकों को लगा कि उनके कारोबार को पंख लगेंगे। लेकिन अदूरदर्शिता और लापरवाही की भेंट यह सोर्सिंग हब चढ़ गया। 16 साल में इसका प्रयोग आर्टिजन्स के लिए 16 दिन भी नहीं हो सका। जिससे यह प्रोजेक्ट दिवास्वप्न साबित हुआ। वर्तमान प्राधिकरण बोर्ड ने 5 सितंबर को बैठक में इस निष्प्रयोज्य सोर्सिंग हब से छुटकारा पाते हुए इसका अन्य प्रयोग करने के लिए बेचने को हरी झंडी मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार आदि की उपस्थिति में मंजूरी दे दी।

अब नया मुरादाबाद योजना के सेक्टर 4 में निर्मित सोर्सिंग हब परिसर जिसमें करोड़ों रुपये डूबे हैं, को अन्य उपयोग के लिए बेचा जाएगा और उसको कहीं और बसाने के बारे में आगे विचार होगा। इसकी मुख्य वजह प्राधिकरण के अधिकारी कार्यदायी संस्था के विवाद को मानते हैं। लेकिन कुल मिलाकर पीतलनगरी के आर्टिजन्स और निर्यातकों के सपनों को ग्रहण लग गया। इस प्रोजेक्ट के खंडहर होने से परिसर में लगभग 115 करोड़ रुपये की धनराशि बाधित है।

वर्तमान बोर्ड ने बैठक में माना था कि सोर्सिंग हब के निर्माण के स्वरूप की परिकल्पना और उसका संचालन आज की आवश्यकता के अनुरूप नहीं है। हालांकि इसमें हस्तशिल्प कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र की ओर से भी करोड़ों रुपये दिए गए थे। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार का कहना है कि बोर्ड बैठक में इस निष्प्रयोज्य सोर्सिंग हब को अन्य उपयोग के लिए बेचने की स्वीकृति मिल चुकी है।

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