गोंडा में सांसद को ज्ञापन सौंप शिक्षामित्रों ने PM मोदी को याद दिलाया उनका वादा, मांगा स्थायी समाधान

गोंडा में सांसद को ज्ञापन सौंप शिक्षामित्रों ने PM मोदी को याद दिलाया उनका वादा, मांगा स्थायी समाधान

गोंडा, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्र ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका वादा याद दिलाया है। शिक्षामित्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस की धरती से  शिक्षामित्रों को धैर्य रखने और उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था लेकिन यह आश्वासन अभी अधूरा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला व जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्रा के नेतृत्व में सोमवार को सैकड़ों शिक्षामित्रों ने मनकापुर पहुंचकर जिले के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह से मुलाकात की और उन्हे 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर शिक्षामित्रों की समस्या का स्थायी समाधान मांगा‌। 

मनकापुर स्थित सांसद कीर्तिवर्धन को पैतृक निवास पर पहुंचे सैकड़ों शिक्षामित्रों ने सांसद को अपनी पीड़ा बताई । प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि  2017 में शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद से अब तक एक पैसे की कोई वृद्धि नहीं हुई। सरकार से लगातार सामंजस्य बना रखने के बावजूद सुविधाएं नदारद हैं। जबकि शिक्षामित्र पूरी तन्मयता से काम कर रहे हैं और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा कर लाभान्वित करने का काम कर रहे हैं। शिवकुमार ने पीेएम मोदी का वादा याद दिलाते हुए कहा कि बनारस की धरती पर पीएम ने शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान का वादा किया था लेकिन शिक्षामित्र के भविष्य पर कोई फैसला किया किया गया। उन्होने कहा कि महंगाई के इस दौर में 10 हजार का मानदेय नाकाफी है। वह न तो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दिला पा रहे हैं और न ही अपने परिजनों का इलाज करा सकते हैं।‌ 

जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्रा ने कहा कि समायोजन निरस्त होने के बाद से जनपद में दर्जनों शिक्षामित्रों की सदमे  के कारण जान चली गयी। शिक्षामित्रों के बच्चे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं दी जा रही है। शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित 6 सूत्रीय ज्ञापन सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया को सौंपा और जिस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की। 

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ज्ञापन सौंपने वाले में प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला,  जिलाध्यक्ष अवधेश मणि मिश्रा मंडल अध्यक्ष रामलाल साहू, जिला संरक्षक जितेंद्र प्रकाश ओझा महामंत्री शिव मूर्ति पांडे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, जिला मंत्री अभिमन्यु प्रसाद मिश्र, तेजेंद्र कुमार शुक्ला, कृष्ण कुमार पांडे, माधुरी सिंह, राजेंद्र प्रसाद वर्मा, महेंद्र विक्रम कुशवाहा, वशिष्ठ पांडे, राजकुमार, मनोज कुमार, राजकुमार शुक्ला मार्शल, तिलक राम वर्मा, दीपचंद मिश्रा, अशोक त्रिपाठी, हनुमंत लाल तिवारी, शिव शंकर, ओम प्रकाश यादव, हरि निवास शर्मा, रामनारायण शर्मा, चंद्र कुमार शुक्ला, चंदा मामा, अशोक कुमार पांडे, कुलदीप पांडे, राम प्रकाश, पवन पांडे, मुकेश शुक्ला, रुक्मिणी देवी, ओमप्रकाश, राकेश सिंह, राजेंद्र वर्मा, राम अदालत वर्मा, चंद्र भवन वर्मा, शाकिर अली, अकबर अली, कमला कान्त श्रीवास्तव, राजेश त्रिपाठी, शिवकुमार विश्वकर्मा, राम सहाय, अमर, शिव कुमार जायसवाल, रमेश सिंह, राकेश सिंह, अरुण सिंह, पम्मी सिंह, कृष्ण कुमार, ब्रह्मदेव, अनिल कुमार सिंह, प्रमोद कुमार दुबे, राम सुमिरन, राम नारायण, दिलीप कुमार, अवनीश पांडे, दिलीप कुमार, गायत्री देवी, चंद्र भवन, कमलेश पांडे, राकेश पांडे, नवरंग लाल वर्मा, नूर अहमद, सुनील कश्यप, कादिर अली, अमित कुमार तिवारी, सर्वेश सिंह, दुर्गा प्रसाद शुक्ला, सूरज लाल, जियाउल हसन, किरन श्रीवास्तव, सरोज कुमारी, मिथिलेश कुमारी, प्रेम किशोर, संतोष सिंह, राम बदल शुक्ला, विजय दुबे, जयकरन वर्मा, शेर धारी सिंह, पंचम लाल, उमाशंकर पाल, नरेंद्र बहादुर सिंह, पेशकार सिंह, मुकेश शुक्ला, बब्बन गिरि समेत सैकड़ों शिक्षामित्र उपस्थित रहे। 

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शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगे -
1- नियमावली में संशोधन कर शिक्षामित्रों की योग्यता पूर्ण करा कर सभी को समायोजित /नियमित किया जाए
2- समायोजन प्रक्रिया पूर्ण होने तक 12 माह तथा  62 वर्ष की सेवा सुरक्षित करते हुए सभी शिक्षामित्रों को सम्मानजनक वेतन दिया जाए।
3- नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों को सम्मिलित करके इनका भविष्य सुरक्षित किया जाए।
4- 25 जुलाई 2017 के बाद से अद्यतन मृतक शिक्षामित्रों को परिजनों को अहेतुक सहायता प्रदान कराते हुए परिवार के आश्रित को जीवकोपार्जन हेतु विभाग में नियुक्ति प्रदान की जाए।
5- यूपी टेट /सीटेट योग्यता धारी शिक्षामित्रों को नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए सहायक अध्यापक के पद पर नियमित किया जाए। 
6- मूल विद्यालय में वापसी से वंचित शिक्षामित्रों को पुन: एक अवसर प्रदान करते हुए मूल विद्यालय में वापस किया जाए तथा महिला शिक्षामित्रों को उनके पति के निवास स्थान पर शिक्षण कार्य करने हेतु निर्देशित किया जाए।

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