पीलीभीत: कड़ी सुरक्षा के दावे...नेपाल से अफीम ले आया तस्कर, कैसे धरा गया? जानिए मामला

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार। इंडो-नेपाल सीमा पर कड़ी चौकसी बरतने के दावे किए जा रहे है। मगर शातिर मादक पदार्थ तस्कर नेपाल से अफीम समेत जनपद की सीमा में दाखिल हो गया। हालांकि एसओजी टीम की मदद से माधोटांडा पुलिस ने उसे मुठभेड़ के बाद धर दबोचा।  उसके कब्जे से तीन किलो अफीम और तमंचा कारतूस बरामद किए गए। एएसपी ने प्रेसवार्ता कर गुडवर्क गिनाया। चालान कर कोर्ट में पेश करके आरोपी को जेल भेज दिया है।

बता दें कि शहर के मोहल्ला मदीनाशाह का निवासी बाबू उर्फ गइया वाला पुत्र मोहम्मद हुसैन शातिर मादक पदार्थ तस्कर एवं सदर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर भी है। करीब दो दशक से इस धंधे में लिप्त है। उस पर एनडीपीएस, गुंडा एक्ट चोरी समेत दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

बताते हैं कि 12 सितंबर को देर शाम एसओ माधोटांडा अचल कुमार एसओजी प्रभारी सुनील कुमार पुलिस बल के साथ बाइफरकेशन रोड पर चेकिंग कर रहे थे। इस बीच पुलिस को टीम ने बाइक पर सवार होकर आ रहे बाबू को रुकने का इशारा किया तो उसने तमंचे से गोली चला दी।

हालांकि कोई पुलिसकर्मी घायल तो नहीं हुआ लेकिन पुलिस ने उसे कुछ ही दूरी से धर दबोचा। उसके कब्जे से 03 किलो अफीम, एक तमंचा, बाइक आदि बरामद हुए। एनडीपीएस एक्ट और पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में उस पर माधोटांडा थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

बुधवार को पुलिस लाइन में एएसपी अनिल कुमार यादव ने खुलासा कर बताया कि आरोपी नेपाल से अफीम लेकर आया था। उसे माधोटांडा पुलिस और एसओजी ने धर दबोचा। बता दें कि नेपाल सीमा पर तस्करी रोकने के लिए लगातार जोनल कार्यालय से निर्देश दिए गए हैं।जिन पर पुलिस भी चौकसी बरतने के दावे करती है। उसके बावजूद आसानी से तस्कर नेपाल से सीमा से माल समेत आ गया। फिलहाल पुलिस गिरफ्तारी को बड़ा गुडवर्क बता कार्रवाई में जुटी रही।

चार साल पहले थाने से भी फरार हो चुका शातिर बाबू
बताते हैं कि तस्कर बाबू का मादक पदार्थ के धंधे में एक बड़ा नेटवर्क है। नेपाल से मादक पदार्थ लाने के बाद वह बरेली, शाहजहांपुर, उत्तराखंड के कई इलाकों में इसकी  सप्लाई करता है। फुटकर बिक्री भी की जाती है। चार साल पहले उसकी धरपकड़ एसओजी ने की थी और सुनगढ़ी थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। जिसके बाद दिन भर थाने में मुंशी रूम में बैठाए रखा और उसकी कोई लिखा पढ़ी नहीं की गई।

फिर उसी रात संदिग्ध हालात में वह पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया। चूंकि पुलिस ने लिखा पढ़ी नहीं की थी तो बरामद माल को लेकर भी बाद में पुलिस इनकार करती रही। हालांकि मामले का शोर बढ़ने पर जांच कराई और फिर दरोगा और मुंशी निलंबित किए गए थे। खुलासे के वक्त मौजूदा पुलिस टीम भी थाने फरार होने की घटना पर हामी भरती रही।  

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