कर्नाटक: तीन और उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग पर सिद्धरमैया ने कहा- आलाकमान के फैसले का करूंगा पालन  

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

कलबुर्गी (कर्नाटक)। कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की वकालत पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि इस पर अंततः आलाकमान फैसला करेगा और वह फैसले का पालन करेंगे। सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना ने शनिवार को कर्नाटक में तीन और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की पैरवी की थी और कहा था कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान के साथ इस पर चर्चा करेंगे।

ये भी पढ़ें - कोलकाता: श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर ‘रीफर’ बिजली दरों पर 25 प्रतिशत छूट

सिद्धरमैया ने कहा कि यह मंत्री की निजी राय है, जो इसे पार्टी नेतृत्व के समक्ष उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस मुद्दे पर उन्हें कुछ नहीं कहना है और इस पर निर्णय लेना आलाकमान का काम है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘उन्होंने (राजन्ना) अपनी राय व्यक्त की है, लेकिन अंतत: फैसला आलाकमान को करना है। आलाकमान ने कहा था कि एक उपमुख्यमंत्री पर्याप्त है।

उन्होंने (राजन्ना) कहा है कि वह तीन और उपमुख्यमंत्री को लेकर आलाकमान से बात करेंगे। करने दीजिए।’’ यहां पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मेरे पास (कहने के लिए) कुछ नहीं है। आखिरकार फैसला आलाकमान को करना है। आलाकमान जो भी फैसला लेगा, मैं उसका पालन करूंगा।’’ राजन्ना ने वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदाय के एक-एक नेता को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की वकालत की थी।

वर्तमान में, वोक्कालिगा समुदाय से डी के शिवकुमार एकमात्र उपमुख्यमंत्री हैं। वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। मंत्रिमंडल के गठन के समय कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवकुमार ‘‘एकमात्र’’ उपमुख्यमंत्री होंगे।

इस साल मई में विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए उनके और सिद्धरमैया के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। राजन्ना के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि राजन्ना द्वारा और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग में कुछ भी गलत नहीं है।

परमेश्वर भी मई में सरकार बनने के समय उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे। परमेश्वर ने कहा कि राजन्ना ने यह बात अच्छे इरादे से कही है। दलित समुदाय से आने वाले परमेश्वर ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव आ रहे हैं और सभी समुदायों को विश्वास में लेने के लिए उन्होंने (राजन्न) अपनी राय साझा की है, लेकिन इसे लागू करना है या नहीं, यह आलाकमान पर छोड़ दिया गया है।’’ परमेश्वर लंबे समय तक कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे। पूर्व में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन सरकार के दौरान वह उपमुख्यमंत्री रहे थे।

ये भी पढ़ें - 'पीएम विश्वकर्मा योजना एक और चुनावी जुमला':  कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

संबंधित समाचार