अगर सीने में हो रही जलन, तो हो जाएं सतर्क, कहीं ये कैंसर के लक्षण तो नहीं, GSVM मेडिकल कॉलेज में आ रहे मरीज
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रो विभाग में पहुंच रहे पेट के कैंसर के मरीज।
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रो विभाग में पेट के कैंसर के मरीज पहुंच रहे। चिकित्सकों के मुताबिक एसिडिटी के कारण खट्टी डकारें, सीने में जलन और मोटापा पेट में कैंसर के सेल्स को बढ़ाती हैं।
कानपुर, [विकास कुमार]। मसालेदार, गरिष्ठ तैलीय भोजन करने या खाली पेट रहने से होने वाली एसिडिटी की समस्या लंबे समय तक रहना खतरनाक हो सकता है। चिकित्सकों के मुताबिक एसिडिटी के कारण खट्टी डकारें, सीने में जलन और मोटापा पेट में कैंसर के सेल्स को बढ़ाती हैं, जिससे पेट के ऊपरी या निचले हिस्से में कैंसर पनपने के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रो विभाग में ऐसे मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, जो लंबे समय तक एसिडिटी से पीड़ित रहने के कारण कैंसर से ग्रस्त हो गए। वरिष्ठ गैस्ट्रो सर्जन प्रो. आरके जौहरी ने बताया कि औसतन एक माह में चार से पांच मरीज एसिडिटी के कारण पेट में पनपे कैंसर का इलाज कराने आ रहे हैं। पेट में दर्द, मरोड़ या खांसी के साथ उल्टी होने पर लोग आम बीमारी समझ कर इलाज कराते रहते हैं। बाद में स्थिति बिगड़ जाती है।
ऐसे पनपता पेट में कैंसर
लंबे समय तक पेट में एसिडिटी बनने से पेट के अंदर एचपाइलोरी इंफेक्शन होता है। यह डीएनए को डैमेज करता है। यही इंफेक्शन आगे जाकर पेट में कैंसर बनाने लगता है। एसिड डिस्बैलेंस हो जाता है। आमाशय के बेस का तालमेल गड़बड़ा जाता है, इससे वहां कैंसर के सेल्स पनपने लगते हैं। लंबे समय एसिडिटी से पेट में म्यूकस और डीएनए रीपेयर नहीं हो पाता है।
ब्रेस्ट व आहार नली में भी हो सकता कैंसर
लंबे समय तक रहने वाली एसिडिटी दमा, क्रॉनिक कफ, अल्सर व आहार नली के कैंसर को भी जन्म देती है। एसिडिटी से नाभि व ब्रेस्ट का कैंसर और हार्निया होने की भी संभावना अधिक रहती है। जीवनशैली में सुधार कर पेट में एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
यह होते प्रमुख लक्षण
सीने में जलन, मुंह में खट्टा पानी आना, मुंह से बदबू आना, दांतों में सड़न या कीड़े लगना, पेट में दर्द होना व खाना ठीक से नहीं पचना।
इस तरह करें बचाव
- पूरी भूख से एक रोटी कम ही खाएं
- सोने के तीन घंटे पहले भोजन करें।
- मोटापा बढ़ने से रोकें।
- मसालेदार व तैलीय भोजन से परहेज करें।
- व्यायाम या योग जरूर करें। नशे से दूर रहें।
