बरेली: वेंटिलेटरों का फूल रहा दम, करोड़ों के उपकरण धूल फांक रहे

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Published By Vikas Babu
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तीन सौ अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने को शासन ने भेजे थे करीब 20 करोड़ के उपकरण

बरेली, अमृत विचार। तीन सौ बेड अस्पताल का निर्माण होने के बाद मंडल के लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सकीय सेवाएं मिलने की आस जगी थी, लेकिन सालों बाद भी मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं नसीब नहीं हो पाई हैं। कोविड काल में यह अस्पताल संक्रमित मरीजों के लिए संजीवनी साबित हुआ। 

करीब एक साल से कोविड का प्रकोप थमने के बाद यहां एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। करोड़ों के उपकरण धूल फांक रहे हैं। आईपीडी चलाने के लिए शासन की ओर से दी गई आठ करोड़ से ज्यादा धनराशि से उपकरण खरीदकर स्टोर रूम में डंप कर दिए गए, लेकिन आईपीडी का संचालन अब तक नहीं हो सका। इससे पहले भी करीब 10 करोड़ के उपकरण भेजे गए थे, लेकिन सब स्टोर में पड़े हैं।

आईपीडी संचालित करने के लिए शासन की ओर से भेजे गए बजट से डीप फ्रीजर, स्ट्रेचर, मरीजों के बेड, अलमारी, ऑक्सीजन कंसेन्ट्रेटर, बाइपैप, आईसीयू बेड समेत तमाम उपकरणों की खरीद कर ली गई है। इन सभी उपकरणों को फिलहाल अस्पताल के स्टोर रूम में डंप कर दिया गया है। यहां ओपीडी का संचालन तो करीब 8 माह से किया जा रहा है, लेकिन 2 बजे के बाद अस्पताल में सन्नाटा पसर जाता है। विभागीय अफसरों की अनदेखी के चलते दीवारों पर दीमक लगना शुरू हो गई है।

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