
विश्व उभय लैंगिकता दिवस: किशोरियों को पुरुष और महिला दोनों से प्यार, अब परिजन कैसे करें इन्कार
जिला अस्पताल स्थित मन कक्ष में आ रहे ऐसे कई मामले, कई महीने तक परिजनों को करानी पड़ रही काउंसिलिंग
बरेली, अमृत विचार। मानव जीवन के रंग-बिरंगे सफर में व्यक्ति कई प्रकार की भावनाओं और आकर्षणों का सामना करता है। इस संदर्भ में द्विलिंगी एक ऐसा शब्द है जो व्यक्तिगत आकर्षण और भावनाओं की विविधता को संकेतित करता है। बदलते परिवेश में लोगों की चाह का स्वरूप भी बदल रहा है, जो कि परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। जिला अस्पताल के मन कक्ष में ऐसे कई युवा काउंसिलिंग करा रहे हैं जिन्हें महिला और पुरुष दोनों के प्रति आकर्षण है।
मन कक्ष प्रभारी डॉ. आशीष बताते हैं कि किसी भी उम्र में इंसान को आकर्षण किसी से भी हो सकता है। जिले में काउंसिलिंग कराने के लिए जो युवा आ रहे हैं इनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। हर साल ऐसे 30 से 40 मामले आते हैं जिनकी 4 से 5 महीने तक काउंसिलिंग की जाती है। डॉ. आशीष के अनुसार घर के सदस्यों के सामने इस प्रकार के आकर्षण का खुलासा होने अक्सर युवा लगातार सोचने के चलते अवसाद में घिर जाते हैं। इस अवसाद को काउंसिलिंग के माध्यम से खत्म किया जा सकता है।
केस 1
बदलता रहता है मूड, कभी महिला तो कभी पुरुष पसंद
पिछले महीने मन कक्ष में आई सुभाष नगर निवासी 16 वर्षीय किशोरी ने बताया कि करीब छह महीने पहले उसकी भावनाओं में कई बार बदलाव हुआ। कभी महिला तो कभी पुरुष के प्रति आकर्षण हो रहा है। किशोरी की काउंसिलिंग जारी है।
केस 2
परिजनों का डर लेकिन प्यार का क्या करें
राजेंद्र नगर निवासी युवा ने भी मन कक्ष के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल पर दोनों लिंग में आकर्षण की बात बताई। उसका कहना था कि उसे कुछ दिनों तक महिलाएं पसंद थीं लेकिन अब पुरुषों तरफ उसका आकर्षण हो रहा है। परिजनों के डर की वजह से वह खुलेआम इस पर बात करने से कतराता है।
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