योजनाओं को जनोन्मुखी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों के अनुभव का लाभ उठाएं : असीम अरुण

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जनप्रतिनिधियों से नियमित भेंट कर उनके अनुभव और सुझावों का लाभ उठाएं। इस संबंध में राज्य मंत्री ने अधिकारियों को एक औपचारिक पत्र भी जारी किया है। 

राज्य मंत्री ने कहा है कि जनप्रतिनिधि शासन और प्रशासन के बीच एक सशक्त सेतु का कार्य करते हैं। उनके सहयोग और मार्गदर्शन से शासकीय कार्यों का सुचारु एवं प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो पाता है। ऐसे में आवश्यक है कि अधिकारी योजनाओं को अधिक जनोन्मुखी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों के अनुभव का भरपूर उपयोग करें। 

असीम अरुण के स्तर से जारी पत्र में कहा गया है कि अधिकारी कार्यभार ग्रहण करते समय अनिवार्य रूप से अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भेंट करें। साथ ही उन्हें विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दें और यह भी स्पष्ट करें कि उनके क्षेत्र में योजनाओं के प्रभावी संचालन के लिए प्रशासन किस प्रकार सहयोग कर सकता है।

अधिकारियों को आपसी समन्वय बढ़ाने के उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों के साथ मोबाइल नंबर साझा करने तथा निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य मंत्री ने निर्देशित किया है कि जिन मामलों में जनप्रतिनिधियों का सहयोग आवश्यक या उपयोगी हो, उन्हें उनके संज्ञान में लाकर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए। 

जनप्रतिनिधियों द्वारा संदर्भित प्रकरणों में समयबद्ध कार्रवाई करते हुए उन्हें की गई कार्यवाही से अवगत कराना भी अनिवार्य किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि विभागीय अधिकारी मंडल और जनपद स्तर पर कार्यरत अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों से संवाद करें। 

विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, जनसमस्याओं के समाधान और सेवाओं को अधिक जनोन्मुखी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों के ज्ञान, अनुभव और सुझावों का अधिकतम लाभ लिया जाए। राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा है कि योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे और इसके लिए प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय अत्यंत आवश्यक है। 

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