प्रयागराज : बिना कोर्ट की अनुमति के दूसरी याचिका दाखिल करने पर लगाया 50 हजार का जुर्माना

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Published By Virendra Pandey
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान याचियों और उनके अधिवक्ता को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह पूर्व स्थापित कानून है कि अदालत से अनुमति लिए बिना कोई दूसरी याचिका दाखिल नहीं की जा सकती है, लेकिन याची ने एक ही मामले में लगातार दूसरी बार याचिका दाखिल करने का दुस्साहस किया है।

याची के साथ-साथ उसके अधिवक्ता का आचरण भी बेहद निंदनीय है, जिसकी कठोर शब्दों में निंदा करनी चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह की खंडपीठ ने याची जसोदा व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया, साथ ही याचियों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। दरअसल याचियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 363 और 366 के तहत दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देने वाली एक याचिका को गत 6 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन उन्होंने इस मामले में 5 दिन बाद एक नई याचिका पुनः दाखिल की। अतः याचियों के इस दुस्साहसिक कृत्य पर कोर्ट ने न सिर्फ मौजूदा याचिका खारिज की बल्कि जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने याचियों को 10 अक्टूबर 2023 तक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष उक्त राशि जमा करने का निर्देश दिया और जुर्माना जमा न करने की स्थिति में जिला मजिस्ट्रेट, कासगंज को निर्देशित किया कि वह भू राजस्व के माध्यम से 50 हजार रुपए की राशि वसूल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट कानूनी सेवा समिति में जमा करवाएं, साथ ही इस संबंध में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने का भी निर्देश दिया गया है।

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