बरेली: आधे से भी कम फार्मासिस्ट तो कैसे मिले संजीवनी

बरेली: आधे से भी कम फार्मासिस्ट तो कैसे मिले संजीवनी

बरेली, अमृत विचार। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब दो हजार से अधिक मरीज आते हैं। दवा काउंटर पर भी मरीज घंटो लाइन में लगकर दवा के लिए इंतजार करते हैं। इसकी वजह है कि अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी है।

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इनके 70 फीसदी पद रिक्त हैं। जिससे व्यवस्था लगातार प्रभावित हो रही है।  शासन की ओर से जिला अस्पताल में फार्मासिस्टों के 15 पद स्वीकृत हैं जिसके सापेक्ष सात की ही तैनाती है।

इसके साथ ही यहां चीफ फार्मासिस्टों के आठ पद स्वीकृत हैं लेकिन सिर्फ दो हीलंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं। वहीं दोनों चीफ फार्मासिस्ट प्रशासनिक जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।

 प्रशिक्षु न हों तो मरीजों को न मिलें दवाएं
जिले के निजी फार्मेसी कॉलेजों में शिक्षा ले रहे छात्रों को जिला अस्पताल में हर माह प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। इन छात्रों को ही कुशल फार्मासिस्ट के निर्देशन में दवा वितरण की जिम्मेदारी दी गई है।

जिससे ओपीडी में आने वाले मरीजों को दवा लेने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है। इस संबंध में जिला अस्पताल की एडीएसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि सीमित मानव संसाधन में भी मरीजों को बेहतर सुविधाएं दी जा रहीं हैं।

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