नैनीताल में कुत्तों का आतंक, ईओ को अवमानना नोटिस, हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन न करने पर तलब किया
विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। समूचे प्रदेश सहित नैनीताल शहर में बंदरों और कुत्तों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने बुधवार को सुनवाई की।
खंडपीठ ने नगर पालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी (ईओ) द्वारा पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही उन्हें अवमानना का दोषी मानते हुए नोटिस जारी कर 3 अक्टूबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में भी कोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी और ईओ को अवमानना नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि ईओ एवं जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
इनके द्वारा आवारा कुत्तों का बधियाकरण कर उन्हें फिर से छोड़ दिया जा रहा है जबकि कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिया था कि इनके लिए स्थायी शेल्टर बनाया जाए और छोड़ा नहीं जाए। उस आदेश पर जिलाधिकारी और ईओ द्वारा बिरला स्कूल के पास 22 सौ मीटर जगह आवंटित कर दी गयी थी, परन्तु अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मामले के अनुसार, नैनीताल निवासी गिरीश चन्द्र खोलिया ने याचिका में कहा कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। आवारा कुत्ते नगर में सैकड़ों लोगों को काट चुके हैं। पिछले कुछ सालों में प्रदेश में आवारा कुत्ते 40 हजार से अधिक लोगों को काट चुके हैं। कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था। बावजूद इसके, इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। याचिकाकर्ता ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार लगायी है।