लखनऊ : सीपीआर से बहुमूल्य जीवन बचाने साथ आये डॉक्टर और पुलिस
लखनऊ, अमृत विचार। सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा उत्तर प्रदेश पुलिस का यह आदर्श वाक्य विश्व हृदय दिवस यानी शुक्रवार को पुलिस और डॉक्टरों को फिर से एक साथ लाया है।
दरअसल, यूपी 112 सभागार में अकस्मात कार्डियक अरेस्ट पर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संजय गांधी पीजीआई के इमेरजेन्सी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तन्मय घटक ने प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तार से बताया। कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर आदित्य कपूर ने पुलिस कर्मियों को अचानक कार्डियक अरेस्ट और कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के बारे में शिक्षित किया।
डॉ. आदित्य कपूर ने बताया कि पूरी दुनिया में पुलिस कर्मियों को लोगों के जीवर को बचाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है क्योंकि वे हर समय जनता के करीब रहते हैं और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं। मौजूदा समय में यह समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यदि पुलिस कर्मियों को आपात कालीन चिकित्सा सहायता आने तक अचानक कार्डियक अरेस्ट के पीड़ित व्यक्ति को जीवित रखने के बारे में महत्वपूर्ण ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण हो, तो ऐसे कई लोगों को बचाया जा सकता है और समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।
कार्यक्रम में 300 से अधिक पुलिस कर्मियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने इंटरैक्टिव सत्र के दौरान कई प्रश्न पूछे। इन सवालों को संबोधित करते हुए, यह विस्तार से बताया गया कि अस्पताल के बाहर होने वाले लगभग 90% कार्डियक अरेस्ट घातक होते हैं। भारत में भी, हृदय रोग मृत्यु का एक महत्वपूर्ण कारण बना हुआ है। देश में प्रति वर्ष लगभग 7 लाख लोगों की sudden cardiac arrest के कारण घर या सार्वजनिक स्थानों पर अचानक मृत्यु हो जाती हैं।
इस अवसर पर अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) को पहचानने के बारे में शिक्षित किया गया, कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की तकनीकों पर व्यावहारिक सुझाव और ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर (एईडी) या शॉक मशीन नामक जीवन रक्षक उपकरण का उपयोग करने के टिप्स दिए गए।
इस अवसर एसडीजी (ला एण्ड आर्डर ) प्रशांत कुमार और एडीजी 112 अशोक सिंह उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें : UP PCS Transfer : यूपी में पीसीएस अफसरों के हुए स्थानांतरण
