बरेली: निगम के क्यूआर कोड से छेड़छाड़, जालसाजों ने लगाया लाखों का चूना

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Published By Vikas Babu
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फर्जी रसीद लगाकर दिखा दिया रॉयल्टी का भुगतान

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम में टैक्स विभाग के करोड़ों के बिल चुटकी में लाखों में बदलने वाले अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर करने वाले तो मौजूद हैं ही, अब निर्माण विभाग में भी ऐसे जालसाज की कार्यप्रणाली का पता चला है, जिसने फर्जी रसीद के जरिए और क्यूआर कोड में छेड़छाड़ करके निगम को लाखों का चूना लगाया है। प्रकरण की जांच में यह तथ्य सामने आया है। नगर आयुक्त ने शासन को व्यवस्था बदलने के लिए पत्र भेजा है। मामले की जांच के लिए कमेटी बनाकर उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा है जो इस गोरखधंधे में लिप्त है।

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नगर निगम के ठेकेदारों का भुगतान करने के साथ रॉयल्टी का भी भुगतान होना है। तमाम ठेकेदारों ने नियमों के तहत या तो रॉयल्टी का भुगतान किया या पांच गुना दंड का विकल्प अपनाया, लेकिन पीरबहोड़ा वार्ड में सीसी रोड का निर्माण करने वाले एचडी कंस्ट्रक्शन ने रॉयल्टी के जो कागज लगाए, उनके फर्जी होने की शिकायत नगर आयुक्त से की गई थी।

निगम सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड से मंगवाकर जो मॉल किसी दूसरी जगह जाना दिखाया गया था, उस माल की रसीद में डेस्टिनेशन बदलकर बरेली कर लिया गया। क्यूआर कोड में छेड़खानी करते हुए लाखों के राजस्व का चूना लगाया। इस काम में एक सहायक अभियंता द्वारा भी अभिलेखों की पड़ताल न करने की लापरवाही भी बताई जा रही है।

हालांकि यह भी कहा गया है कि मामले का खुलासा होने पर सहायक अभियंता द्वारा ही मामला पकड़ने की बात कही जा रही है। फिलहाल, नगर आयुक्त ने निर्माण विभाग के आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारी को पहले ही निकाल दिया था।

नगर आयुक्त ने मामले की जानकारी करने के लिए उत्तराखंड में उस जगह से जांच कराई, जहां से माल आने की बात कही जा रही थी। जांच में पता चला है कि जो रसीद लगाई गई उस क्रम संख्या का माल बरेली भेजा ही नहीं गया था। इधर, नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि रसीद फर्जी लगाई गई हैं।

शासन को पत्र भेजकर व्यवस्था में बदलाव करने का आग्रह किया है, ताकि राजस्व हानि बचाई जा सके। अपर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी में लेखाधिकारी को शामिल किया है, जिससे पता चलेगा कि कितनी राजस्व हानि हुई है और निगम के कितने लोग इस गोलमाल में शामिल रहे हैं।

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