
प्रयागराज : इलाहाबाद संग्रहालय में ऐतिहासिक राजदंड की प्रतिकृति स्थापित
लखनऊ, अमृत विचार। इलाहाबाद संग्रहालय में रखे ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को इस साल मई में नये संसद भवन में स्थापित किए जाने के बाद अब इस संग्रहालय को राजदंड की प्रतिकृति मिल गई है, जिसे हाल ही में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वहां स्थापित किया। 'सेंगोल' की प्रतिकृति के बारे में इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने बताया, ''राजदंड की प्रतिकृति में आकार से लेकर वजन तक, लगभग सब कुछ मूल राजदंड जैसा है। हमने सिर्फ निर्माण सामग्री बदली है। राजदंड की प्रतिकृति बनाने के लिए पीतल का इस्तेमाल किया गया है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई गई है।''
प्रसाद के मुताबिक, ''प्रतिकृति बनाने में ज्यादा समय नहीं लगा। कुछ कारणों से हम इसे बनाने का ऑर्डर देने में असमर्थ थे। लेकिन जैसे ही ऑर्डर दिया गया, इसे एक सप्ताह के भीतर तैयार कर दिया गया।'' उन्होंने कहा, ''सेंगोल को नये संसद भवन में स्थानांतरित किए जाने से पहले तक लोग इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते थे। लेकिन नये संसद भवन में इसके स्थापित होने के साथ लोगों में इसे लेकर उत्सुकता बढ़ गई।'' प्रसाद के अनुसार, इलाहाबाद संग्रहालय में सेंगोल की प्रतिकृति स्थापित होने के साथ अधिक संख्या में लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग इस बात को लेकर भी खुश हैं कि मूल सेंगोल यहां से संसद भवन में ले जाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में नये संसद भवन का गत 28 मई को उद्घाटन किया था और सेंगोल को वहां स्थापित किया था। चोल युग का यह सेंगोल चांदी का बना है, जिस पर सोने की परत चढ़ी है। इसे वर्ष 1947 में अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बताया जाता है।
ये भी पढ़ें -Gonda Police transfers : कटरा एसओ समेत मंडल के 59 निरीक्षकों का तबादला
Comment List