बापू और शास्त्री को SGPGI में चिकित्सकों ने किया भावपूर्ण नमन, निदेशक ने दिलाई अहिंसा की शपथ
लखनऊ, अमृत विचार। आज यानी दो अक्टूबर को पूरा देश गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी को याद कर रहा है। साथ ही आज देश के महान नेता लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म दिवस है। वह देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने राजनीति में रहकर भी आदर्श प्रस्तुत किये।
इन दोनों महापुरुषों ने दुनिया को करुणा और एकता का सूत्र दिया है। जो मौजूदा समय में बेहतर बदलाव के वाहक बन रहे हैं। लोग आज भी इनसे प्रेरणा ले रहे हैं।
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर एसजीपीजीआई में दोनों महापुरुषों को याद कर उनकों भावपूर्ण नमन किया गया। संस्थान के न्यू लाइब्रेरी कॉम्पलेक्स में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
जयंती उत्सव की शुरुआत दोनों महान नेताओं को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई, जिसके बाद एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आर. के. धीमान, प्रो. नारायण प्रसाद, प्रो. राजन सक्सेना, प्रो. शालीन कुमार, प्रो. गौरव अग्रवाल, सीएमएस प्रो. संजय धिराज और अस्पताल प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आर. हर्षवर्द्धन ने दीप प्रज्ज्वलन किया गया ।
इस अवसर पर एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रो. आर. के. धीमान ने कहा की आज के समय में अहिंसा के संदेश की प्रासंगिकता पहले से भी ज़्यादा हो गयी है। वहीं एसजीपीजीआईएमएस स्थित अस्पताल प्रशासन विभाग के एचओडी डॉ. आर. हर्षवर्द्धन ने कहा कि हमें एक व्यक्ति के रूप में महात्मा गांधी के बारे में पढ़कर, उनके बारे में सीखते हुए उनके दर्शन को आत्मसात करके उनके बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही, हमें एक स्वास्थ्य प्रदाता के रूप में उनकी सीखों को शामिल करने के तरीकों के बारे में भी सोचना चाहिए।
सीएमएस प्रो. संजय धिराज ने बताया कि जनसंचार की आधुनिक दुनिया में किसी भी अनुचित या असत्यापित संदेश या पोस्ट को अग्रेषित करते समय विशेष रूप से सोशल मीडिया पर अधिक सतर्क रहना पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है। एसजीपीजीआईएमएस के अतिरिक्त निदेशक प्रो. नारायण प्रसाद ने कहा कि हमें
महात्मा गांधी के अहिंसा और आत्मनिर्भरता के मूल्यों को याद रखना चाहिए।
एसजीपीजीआई के डीन प्रो. शालीन कुमार ने अहिंसा की अवधारणा पर प्रकाश डालकर लोगों को प्रबुद्ध किया, जिसकी व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि आप अपने पर्यावरण के साथ पूर्ण सामंजस्य में हैं और किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। इस अवसर पर एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रो. आर. के. धीमान ने सभी लोगों को अहिंसा की शपथ दिलाई। इस अवसर पर एसजीपीजीआई की मुख्य नर्सिंग अधिकारी उषा टकरी, कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिसिंपल समेत छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं।
इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन कार्यक्रम एसजीपीजीआई स्थित अस्पताल प्रशासन विभाग के एचओडी डॉ. आर. हर्षवर्द्धन, के नेतृत्व में विभाग के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स द्वारा किया गया।
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