शाहजहांपुर: सरकारी धान खरीद में नमी बनी बाधा, ज्यादातर सेंटर रहे सूने

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

शाहजहांपुर, अमृत विचार। सरकारी धान खरीद मंगलवार से शुरू हो गई, लेकिन पहले दिन पुवायां मंडी को छोड़कर अन्य सेंटर सूने रहे। जिले के किसी भी अन्य सेंटर पर धान का एक दाना तक नहीं खरीदा जा सका। बाजरा खरीद भी शून्य रही।

ज्यादा नमी के चलते सेंटरों पर धान लेकर पहुंचे किसानों को निराश होकर लौटना पड़ा। सरकारी मानक के अनुसार खरीद के लिए धान में 17 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए, लेकिन 22 से 26 प्रतिशत नमी वाला धान बाजार में आ रहा है और सरकारी केंद्रों पर नहीं बिक पा रहा है। दूसरी ओर निजी आढ़त और मिलों पर धान का अंबार लगा हुआ है। सिर्फ रोजा मंडी में अब तक हजारों क्विंटल धान खरीदा जा चुका है।

जिले की अन्य मंडियों में भी इसी अनुपात में धान की प्राइवेट खरीद हो चुकी है। मंगलवार को एडीएम प्रशासन संजय कुमार पांडेय, डिप्टी आरएमओ राकेश मोहन पांडेय और एसडीएम सदर सौरभ सिंह ने रोजा मंडी पहुंच कर धान खरीद का जायजा लिया।

डिप्टी आरएमओ राकेश मोहन पांडेय ने बताया कि पुवायां मंडी में दो किसानों से 112 क्विंटल धान खाद्य विभाग के दो सेंटरों पर खरीदा गया है। अन्य मंडियों में ज्यादा नमी के चलते धान नहीं खरीदा जा सका। बाजरा खरीद का खाता नहीं खुल सका है। जिले में सात केंद्रों पर बाजरा खरीदा जाना है, लेकिन पहले दिन किसी भी किसान से बाजरा नहीं खरीदा जा सका। मक्का खरीद का जिले में कोई भी केंद्र नहीं है।

सरकारी केंद्रों पर धान बेचने के लिए अब तक 6500 किसानों ने पंजीकरण कराया है। कुछ किसानों का सत्यापन तहसील स्तर पर लंबित है। जिसके लिए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द सत्यापन करके भेजें। किसी भी किसान को सत्यापन के लिए भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि जिले को तीन लाख 65 हजार मीटरिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है, जिसे पूरा करने का  प्रयास किया जा रहा है।

26 प्रतिशत नमी है तो सुखा कर लाएं धान: डिप्टी आरएमओ
ज्यादा नमी के चलते किसानों का धान 1600 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है, जबकि सरकारी मूल्य सामान्य धान का 2183 और ग्रेड ए धान का 2203 रुपये प्रति क्विंटल है। 1600 रुपये में धान बेच कर किसान को प्रति क्विंटल लगभग छह सौ रुपये का नुकसान हो रहा है। जबकि अगर किसान धान को सुखाकर बेंचे तो सिर्फ 200 रुपये की सूख जाएगी।

धान को सुखाने के बाद भी भी लगभग चार सौ रुपये प्रति क्विंटल का फायदा होगा। धान सुखाने के लिए जगह न होने के चलते ज्यादातर किसान बिना सुखाए ही धान को निजी तौर पर बेच रहे हैं और भारी नुकसान उठाने को मजबूर हैं। डिप्टी आरएमओ ने कहा कि किसान धान को सुखाकर और साफ-सुथरा धान क्रय केंद्रों पर लाएं। अगर वह ऐसा करेंगे तो धान हर हाल में खरीदा जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान के धान में 26 प्रतिशत नमी है तो भी वह सुखाकर सरकारी केंद्र पर बेच सकता है। अगर वह 26 प्रतिशत नमी वाले धान को सुधाकर 17 प्रतिशत नमी पर लाया जाता है तो भी प्रति क्विंटल लगभग 10 किलो ही धान घटेगा। ऐसे में भी किसान फायदे में रहेगा।

यह भी पढ़ें- शाहजहांपुर में बुखार का कहर, आढ़ती की पत्नी समेत चार महिलाओं की मौत

संबंधित समाचार