लखनऊ में कल जुटेंगे देश भर के पेट और लिवर रोग विशेषज्ञ, इलाज की नई तकनीक पर करेंगे चर्चा

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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लखनऊ। राजधानी के गोमती नगर स्थित एक निजी होटल में कल यानी शनिवार से दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन हो रहा है। यूपी चैप्टर ऑफ इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की तरफ से आयोजित इस संगोष्ठी में पेट और लिवर रोग के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तकनीक पर चर्चा होगी। देश भर से आये विशेषज्ञ नई तकनीक पर जानकारी साझा करेंगे। इस संगोष्ठी में 250 से अधिक डॉक्टर हिस्सा लेंगे।

 

यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष और संगोष्ठी के आयोजन सचिव गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट प्रो. सुमित रूंगटा ने दी।

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में पेट एवं लिवर के रोग के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली, दिनचर्या व खान-पान है। आज के समय में एल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीजेज (एन.ए.एफ.एल.डी.) जैसी बीमारियां अधिक मरीजों में पायी जाती हैं जो कि दो दशक पहले इस तरह के लिवर की बीमारी उन्हीं मरीजों में देखी जाती थी जिनको हेपेटाइटिस बी या सी होता था, इसके अलावा यह बीमारियां नशा करने वालों को अपनी चपेट में लेती थीं।

आज ऐसे मरीज बहुत पाये जाते हैं, जिन्होने नशीले पदार्थ का सेवन या तो बिल्कुल नहीं किया या अल्प मात्रा में किया। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुये पेट और लिवर रोग विशेषज्ञों की तरफ से संगोष्ठी में आये चिकित्सकों को इलाज की नई तकनीकों की जानकारी दी जायेगी।

यहां से आयेंगे चिकित्सक

संगोष्ठी के आयोजन अध्यक्ष व वरिष्ठ पेट व लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत मेहरोत्रा ने बताया कि  गुरुग्राम से डॉ. रणधीर सूद, एम्स नई दिल्ली के गैस्ट्रो विभागाध्यक्ष अनूप सराया, बीएचयू से डॉ. देवश यादव, प्रो. वीके दीक्षित,  एसजीपीजीआई के डॉ. प्रवीर राय, हैदराबाद के डॉ. मोहन राम चन्दानी व डॉ. सन्दीप लखटकिया, दिल्ली से डॉ. अनिल अरोरा, जोधपुर से डॉ. सुनील दधीच, कोलकत्ता से डॉ. उदय घोषाल, बैंगलोर से डॉ एस. के. याचा, प्रयागराज से डॉ. एस.पी. मिश्रा व डॉ. मनीषा द्विवेदी, डॉ. संदीप निझावन व विवेक सारस्वत जयपुर से शामिल होंगे। इस संगोष्ठी में नेपाल के चिकित्सकों को भी सम्मिलित किया गया है, जिसमें कि वहां के अनुभवों को भी साझा किया जायेगा। 

उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में एमडी या डीएम कर रहे छात्रों को भी शामिल किया गया है। जिससे उन्हें भी नई तकनीक की जानकारी हो सके और मरीजों के इलाज में योगदान दे सकें। इसके लिए डॉ. पुनीत और डॉ. सुमित ने डिजाइन योर मेडिकल कैरियर कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है। 

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