देवरिया कांड: ज्ञान प्रकाश से खरीदी जमीनों की रजिस्ट्री हो सकती है निरस्त, जानें वजह

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Published By Deepak Mishra
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार। देवरिया का चर्चित हत्याकांड को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई में सख्ती अब धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही है। लापरवाही का दाग धोने को प्रशासन की नजरें इस हत्याकांड के उस वजह पर टिक गई है, जिसने इसकी पृष्ठभूमि तैयार की। इसके तहत सत्यप्रकाश दुबे के भाई ज्ञानप्रकाश द्वारा की गई जमीनों की रजिस्ट्री से संबंधित कागजातों की पड़ताल शुरू कर दी गई है।

शुरूआती जांच में कई खामियां मिल रही हैं। इसके चलते यह माना जा रहा है कि उन जमीनों का बैनामा निरस्त किया जा सकता है। बता दें कि जमीन के इन्हीं मामलों को लेकर प्रेम यादव और सत्यप्रकाश के बीच अदावत शुरू हुई थी और उसकी परिणीत में सत्यप्रकाश समेत उनके परिवार के पांच सदस्यों को दर्दनाक मौत मिली।

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक राजस्व विभाग की जांच में पता चला है कि देवरिया जिले के भाटपार रानी तहसील क्षेत्र में ज्ञान प्रकाश का तकरीबन 50 कट्ठा जमीन 11 लाख रुपये प्रेम यादव को देना तय हुआ था। उसके बाद रजिस्ट्री हुई थी, लेकिन बाद में आपत्ति दाखिल होने के बाद शायद अभी तक उसका खारिज दाखिल नहीं हो पाया।

इसी तरह फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोला में स्थित जिस जमीन को प्रेम यादव में 21 लाख में बैनामा करा लिया था, उसकी असल कीमत एक करोड़ 30 लाख रही। बताया जा रहा है कि उस समय कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते इसकी रजिस्ट्री दो दिन तक नहीं हो पायी थी।

सूत्रों के अनुसार दस्तावेजों को खंगालने के बाद फिलहाल यह पता चला है कि जितनी कीमत की जमीनों की रजिस्ट्री हुई है उतना पैसा ज्ञान प्रकाश के खाते में नहीं गया। यही वजहें है, जो प्रेम यादव की ओर से कराए गए जमीनी की रजिस्ट्री में उसकी मंशा को सवालों के कठघरे में खड़ा कर रही है। बहरहाल जांच पूरी करने के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर सबकी नजर है।

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