अमेठी: छह साल से नहीं मिला केंद्रांश, भुखमरी की कगार पर पहुंचे मदरसा शिक्षक

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Published By Sachin Sharma
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अमेठी। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत जिले में संचालित 47मदरसों के शिक्षकों को केन्द्र सरकार की ओर से मिलने वाला केन्द्रांश मानदेय छह साल से नहीं मिल रहा है। जिले में काम कर रहे 110 मदरसा शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे तीन हजार रुपए के मानदेय से इन शिक्षकों के जरूरी जेब खर्च भी नहीं पूरा हो रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से भेजे जा रहे मांग पत्र पर केन्द्र सरकार कोई विचार नहीं कर रही है।

मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत जिले के 13विकास खंडों में कुल 47 मदरसे संचालित हैं। इन मदरसों में तहतानिया, फोकानिया और आलिया (प्राइमरी, जूनियर और सेकेंडरी) तक सभी विषयों की पढ़ाई होती है। इन मदरसों में कुल 110 शिक्षक तैनात हैं। इन शिक्षकों को केन्द्र सरकार की ओर से 12000रु और राज्य सरकार की ओर से 3000 रुपए, कुल 15000 रुपए मानदेय देने का प्रावधान है। वर्ष 2017से केन्द्र सरकार केन्द्रांश की धनराशि का भुगतान नहीं कर रही है।

पिछले पांच साल के भीतर राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को कई बार मांग पत्र भेजे जा चुके हैं। जून 2023में  राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य हुमा बानो के पत्र को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ जी की ओर से केन्द्र सरकार को पत्र भेजा गया है। लगभग चार महीने का समय बीत चुका है, केन्द्र ने अभी तक केन्द्रांश की धनराशि के भुगतान पर कोई विचार नहीं किया है।

बता दें उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के राज्य मंत्री धर्मपाल सिंह ने 25 अप्रैल 2023 को केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत केन्द्रांश की अवशेष धनराशि  के भुगतान कराने का अनुरोध किया था। इस पत्र पर भी अल्प संख्यक कल्याण मंत्रालय ने अभी तक कोई विचार नहीं किया है। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 7191 मदरसे संचालित हैं। इन मदरसों में 22000 की आसपास संख्या में मदरसा शिक्षक तैनात हैं।

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