बहराइच: सपा ने मेडिकल कालेज में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सीएम योगी को लिखा पत्र, की उच्चस्तरीय जांच की मांग
बहराइच, अमृत विचार। सपा ने जनपद मुख्यालय व लखनऊ स्थित मेडिकल कालेज में चिकित्सा के नाम पर लापरवाही व भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। मामले में पार्टी के जिलाध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। डीएम ने जिलाध्यक्ष की शिकायत पर मामले में जांच कमेटी गठित की है।
सपा के जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में जिले मुख्यालय व लखनऊ स्थित मेडिकल कालेज का हाल बयां करते हुए कहा है कि जिले के खैरीघाट थाना क्षेत्र के सैय्यदनगर निवासी तिलकराम की पांच अक्तूबर को एक मार्ग दुर्घटना के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके सिर पर काफी चोट आ गई थी।
जिले में मेडिकल कालेज में परिजन उनका इलाज के लिए पंंहुचे थे। चिकित्सक द्वारा मरीज का एमआरआई कराकर ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया था। जिलाध्यक्ष का कहना है कि ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने मरीज की हालात को सामान्य बताते हुए उसको ओपीडी में दिखाने को कहा था। जिलाध्यक्ष ने बताया कि मरीज अपने तीमारदारों के साथ सारी रात मेडिकल कालेज के बाहर दर्द से कराहता हुआ पड़ा रहा।
सुबह ओपीडी में चिकित्सक ने मरीज को खतरे से बाहर बताकर उसको दस दिनों की दवा देकर वापस भेज दिया। घर पंहुचने के दो दिन बाद मरीज की हालत अचानक खराब हो गई। वह मौजूदा समय एक निजी चिकित्सालय में जिंदगी और मौत के बीच जूझकर इलाज करा रहा है।
जिलाध्यक्ष ने दूसरी घटना का हवाला देते हुए बताया कि सय्यदनगर निवासी रामदुलारे की बेटी प्रसव के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर पंहुची थी। उसे बहराइच रिफर कर दिया गया था। यहां चिकित्सकों ने महिला का आपरेशन कराने की बात कही थी। उसने आपरेशन कराने से इंकार कर वापस घर लौट आई। बाद में उसका छह अक्तूबर को सामान्य डिलीवरी हो गई।
जिलाध्यक्ष ने तीसरी घटना का हवाला देते हुए कहा कि ग्राम मुरव्वा निवासी कुंवर बहादुर की बहु की जिला चिकित्सालय में भर्ती कराने के बाद चिकित्सकों ने पेट में ही बच्चे की मौत की बात कहते हुए तत्काल आपरेशन की बात कही थी। आरोप है कि चिकित्सक द्वारा दस हजार की मांग की गई थी। तीमारदार ने चार हजार चिकित्सक को देकर शेष धनराशि देने में असमर्थता जाहिर किया था। चिकित्सक ने एक सादे कागज पर हस्ताक्षर बनाकर महिला को रिफर कर दिया था।
बाद में महिला एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुई। यहां महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मेडिकल कालेज में चिकित्सकों की कहानी बयां करते हुए सभी मामलों की किसी उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
डीएम ने जांच कमेटी गठित कर दिया जांच के निर्देश
जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव ने मामले में डीएम से भी मुलाकात कर जिले की चिकित्सा व्यवस्था की कहनी बयां की थी। डीएम मोनिका रानी ने जिलाध्यक्ष द्वारा चिकित्साकर्मियों पर लगाए गए गंभीर आरोप के बाद सीएमओ, सीएमएस व नगर मजिस्ट्रेट की टीम गठित की है। डीएम ने टीम को पूरे मामलों की निष्पक्ष तरीके से जांचकर शीघ्र रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है।
