बरेली: दो करोड़ के खर्चे का हिसाब-किताब नहीं, 12 सचिवों को नोटिस...जानिए मामला
सरकारी खजाने से निकाली गई धनराशि का सचिवों ने नहीं दिए बिल बाउचर
बरेली, अमृत विचार। जिले की 12 ग्राम पंचायतों में पिछले वित्तीय वर्ष में कराए गए विकास कार्यों का हिसाब-किताब नहीं देने वाले सचिवों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। ऑडिट में आई आपत्तियों का जवाब न देने पर 12 सचिवों को नोटिस जारी किया गया है।
दरअसल, मामला वित्तीय वर्ष 2021-22 का है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराए गए थे। इसके बाद जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां/पंचायत ने ग्राम पंचायतों के खर्चे का ऑडिट किया था। ऑडिट में ग्राम पंचायतों के लिए जारी धनराशि में दो करोड़ रुपये का हिसाब-किताब नहीं होना पाया गया।
ऑडिट में आपत्तियां आईं थीं। बताते हैं कि, सरकारी खजाने से निकाली गई धनराशि के एवज में कोई बिल-बाउचर पेश नहीं किया गया। यही नहीं, ऑडिट टीम के मांगने पर अब तक हिसाब नहीं दिया गया। इसी को लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने सचिव सोहन सिंह, उमेश गंगवार,
नजरुल हसन, सूरज पाल, रामकुमार उपाध्याय, विपिन सक्सेना, मोहम्मद अमजद, लवश्रेष्ठ, अयोध्या प्रसाद त्यागी, वीरपाल, ओमेंद्र कुमार, सुनील शर्मा को नोटिस जारी किया है। उन्होंने आदेश दिए हैं कि अगर सात दिन के अंदर नोटिस का जवाब नहीं आता है तो कार्रवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया जाएगा।
नियमों की हो रही अनदेखी
नियमों के अनुसार किसी भी ऑडिट आपत्ति का जवाब देने के लिए अधिकतम 60 दिन का समय होता है। उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत नियमावली के नियम 256 में समय दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन इसके बाद भी जिले में नियम-कानून की अनदेखी की जा रही है।
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