बरेली: अपने बीमार तो कैसा त्योहार...दिवाली भी अस्पताल में ही गुजर गई
बरेली, अमृत विचार। एक त्योहार ही ऐसी सांस्कृति परंपरा है, जिसे लोग समूचे देश में एक साथ हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। होली, दिवाली और भैया दूज जैसे त्योहारों को मनाने के लिए बाहर रहने वाले लोग भी अपने घरों पर पहुंच जाते हैं।
जहां इन त्योहारों को पूरे विधि-विधान और परंपरा के साथ हंसी-खुशी से परिवार के साथ मनाते हैं। लेकिन कई बार लोग समय के ऐसे चक्र में फंस जाते हैं कि उन्हें खुशहाली के प्रतीक यह त्योहार घर पर मनाने तक नसीब नहीं हो पाते हैं।
ऐसा ही कुछ बरेली स्थित जिला अस्पताल में देखने को मिला है, जहां अपने प्रियजन के बीमार होने की वजह से उन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज पूरा नहीं होने पर अस्पताल से छुट्टी नहीं मिल पाई।
जिसके चलते मरीजों के साथ तीमारदारों को भी घर पर दीपावली मनाना नसीब नहीं हो सका और त्योहार का दिन भी अस्पताल में ही गुजर गया। जिला अस्पताल में अपनी चाची को भर्ती कराने वाले भोले बताते हैं कि उनका धनतेरस और दीपावली का त्योहार अस्पताल में ही बीत गया, क्योंकि उनकी चाची का उपचार पूरा नहीं हो पाया।
वहीं शहर के किला क्षेत्र निवासी रामचंद्र बताते हैं कि स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उन्होंने कालीबाड़ी में रहने वाले अपने साले की पत्नी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। जिसकी वजह से दोनों परिवार अस्पताल में ही हैं, यही वजह है कि वह अपने घरों पर धनतेरस और दीपावली का त्योहार नहीं मना पाए हैं।
वहीं बहेड़ी क्षेत्र में पिपरा नानकार के रहने वाले रिंकू बताते हैं कि उनका मरीज पिछले चार दिनों से जिला अस्पताल में भर्ती है, जिसके चलते वह इस बार दीपावली के त्योहार को गांव में परिवार के साथ नहीं मना पाए।
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