कानपुर प्रांत की समन्वय बैठक में बनीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की कार्ययोजना… अयोध्या चलो

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर प्रांत की समन्वय बैठक में बनीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की कार्ययोजना।

कानपुर प्रांत की समन्वय बैठक में बनीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की कार्ययोजना। 14 हजार इकाइयां साढ़े 17 टन पीले चावल बांटेगी।

कानपुर, [महेश शर्मा]। आरएसएस और उसके आनुषांगिक संगठनों की कानपुर प्रांत की समन्वय बैठक में 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा को त्योहार के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इस आयोजन से पूर्व हिंदू समाज के समस्त जाति वर्ग को जोड़ने की बृहद कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया।

बैठक में कानपुर प्रांत की कोई 14 हजार इकाइयों के माध्यम से प्रत्येक परिवार को चावल, रामलला मंदिर का चित्र देकर आमंत्रित किया जाएगा। दलित परिवारों पर विशेष फोकस रहेगा। इस आयोजन को लोकसभा 2024 के चुनाव की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कहा जाता है कि यह चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा जाएगा जिसमें अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की अहम भूमिका होगी।

हालांकि इनसे कहा जाएगा कि मोहल्लों, गांवों आदि में निकटतम मंदिर को भव्य सजावट, पूजा अर्चना, भंडारा आयोजित करें। प्रत्येक इकाई को डेढ़ किलो पीले चावल मंदिर का चित्र वितरित करने को कहा गया है। इस प्रकार लगभग साढ़े 17 टन चावल सिर्फ कानपुर प्रांत क्षेत्र में खप जाएगा। सारा आयोजन किसी संगठन की तरफ से न होकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैनर तले होगा। यही सारा व्यापक प्रचार-प्रसार आदि का व्यय यही ट्रस्ट उठाएगा।

बैठक में यह भी तय हुआ कि 22 जनवरी को एक दीपावली मनाई जाएगी। सभी घर दीये से जगमगाएंगे। खुशी में आतिशबाजी भी की जाएगी। कानपुर प्रांत के समस्त संगठनों और रामलला के दर्शन को इच्छुक लोगों को 31 जनवरी को अयोध्या जाने का अवसर मिलेगा।

बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में हुई तैयारी बैठक में संघ के कानपुर प्रांत से जुड़े विभिन्न संगठनों लगभग 300 पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। विहिप समेत आरएसएस के समस्त आनुषांगिक सगठनों के कार्यकर्ता रामजन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रत्येक हिंदू को पीला चावल और मंदिर का चित्र देकर श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या दर्शन के लिए आमंत्रित करेंगे।

बैठक के बाद मिली जानकारी के अनुसार आमंत्रण का कार्य एक जनवरी से 15 जनवरी तक होगा। कानपुर प्रांत को विशेष तैयारी के निर्देश दिए गए। इस बाबत संगठनों की बैठक नवंबर माह तक संपन्न होगी फिर 15 दिसंबर से मॉनीटरिंग शुरू की जाएगी। अभी दीपावली से पूर्व के रविवार को विहिप व संघ के लोग अयोध्या से अक्षत कलश लेकर लौटे थे। बैठक में आनुषांगिक संगठनों में विश्व हिंदू परिषद, बजरंगदल, भाजपा, भारतीय मजदूर संघ, दुर्गा वाहिनी, सेवा बस्ती आदि के प्रतिनिधि उपस्थिति रहे।

विहिप के लोग यह कहते नहीं थकते हैं कि रामभक्तों के बलिदान से ही राममंदिर संभव हो पाया है। कार सेवकों के लिए अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए विशेष तिथियां निर्धारित की गयी हैं। यह भी संदेश दिया जाएगा कि अयोध्या का निमंत्रण सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही नहीं बल्कि समस्त हिंदुओं को आमंत्रित किया जा रहा है। 22 जनवरी को मोदी अयोध्या पहुंचेंगे।

राम मंदिर के अनुष्ठान का कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा और 22 को प्राण प्रतिष्ठा होगी। करीब पांच हजार संत महात्मा और कला, शिक्षा जैसे पृथक क्षेत्रों से उल्लेखनीय कार्य के लिए पांच हजार लोग होंगे। महोत्सव दो दिनों तक खासतौर पर मनाया जाएगा।

अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के नींव की पहली ईंट 9 नवंबर 1989 को रखी गयी थी। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया था। प्राण प्रतिष्ठा का दिन 22 जनवरी ही क्यों चुना गया, इस बताया जाता है कि हिंदू परंपरा में गृह प्रवेश उत्तम योग में ही होता है। इसीलिए 22 जनवरी को उत्तम योग होने के कारण इसे नवनिर्मित राममंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया। 25 जनवरी 2024 से आम लोग भी भव्य राम मंदिर में प्रभु का दर्शन कर पाएँगे।

समन्वय बैठक कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र अध्यक्ष प्रकाश पाल, विहिप कानपुर क्षेत्र अध्यक्ष राजीव महाना, कार्याध्यक्ष डॉ उमेश पालीवाल, दीपू पांडे, शिवराम सिंह समेत सैकड़ों वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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