शाहजहांपुर: राजकीय कॉलेजों में भी रखे जाएंगे विषयवार संविदा शिक्षक

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Published By Vishal Singh
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डीडीआर की अमृत विचार से खास बातचीत

शाहजहांपुर, अमृत विचार। मंडलीय उप शिक्षा निदेशक (डीडीआर) गजेंद्र कुमार ने बताया कि ऑनलाइन युग को देखते हुए विभाग ने शिक्षकों और शिक्षार्थियों के लिए विषयवार ऐप बनाए हैं, जिनसे छात्र-छात्राओं का अध्ययन कराया जाएगा। इस अत्याधुनिक व्यवस्था से छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों को भी नवीनतम जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

डीडीआर गजेंद्र कुमार मंडलायुक्त की कार्यशाला में शामिल होने के लिए महानगर आए थे। इस दौरान उन्होंने अमृत विचार से विशेष बातचीत में विभागीय कार्ययोजनाओं और गतिविधियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान आदि विषयों के ऐप्स तैयार किए गए हैं, जो छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए बहुत लाभकारी साबित होंगे।

इतना ही नहीं, संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर राजकीय इंटर कालेजों में भी छात्र संख्या के आधार पर संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह व्यवस्था तब तक प्रभारी रहने की संभावना है, जब तक लोक सेवा आयोग से स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती है। उन्होंने बताया कि राजकीय इंटर कालेज में विभिन्न विषयों के तमाम पद रिक्त चल रहे हैं, जिस कारण छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की जा सकती है। इसके अंतर्गत प्रवक्ता को 20 हजार और एलटी ग्रेड के शिक्षक को 15 हजार रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। यह व्यवस्था हाल ही में संस्कृत विद्यालयों में की जा चुकी है।

डीडीआर ने बताया कि कालेजों में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए टैबलेट्स की व्यवस्था भी की जा रही है। पहले की अपेक्षा अब विद्यार्थियों की कालेजों में उपस्थिति 80 फीसदी तक अनिवार्य की जा रही है, इसके लिए ऑनलाइन उपस्थिति चेक की जाएगी। इसी व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने के लिए बहुत जल्द प्रधानाचार्यों को टैबलेट्स उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में यह व्यवस्था राजकीय इंटर कालेजों में होगी। चूंकि यह सरकार और विभाग का पॉयलेट प्रोजेक्ट है, इसलिए जीआईसी में सफल होने पर इसे अन्य शिक्षण संस्थाओं में विस्तार दिया जाएगा।

प्रश्नपत्र-उत्तरपुस्तिकाओं के लिए अलग होंगे स्ट्रांग रूम
डीडीआर ने बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के बारे में बताया कि केंद्रों की प्रस्तावित सूची एक सप्ताह में जारी हो सकती है। इस बार केंद्रों के निर्धारण में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सरकार की मंशा माफिया पर कड़ी नजर रखना है। प्रश्नपत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं के लिए अलग-अलग स्ट्रांग रूम बनाए जाएंगे। पहले एक ही स्ट्रांग रूम में अलमारियां दो-दो होती थी, लेकिन इस बार स्ट्रांग रूम भी अलग-अलग होंगे। केंद्र निर्धारण में परीक्षार्थियों की सुविधा के साथ सुरक्षा संबंधी बिंदुओं पर भी गहनता से विचार किया जाएगा। विद्यालयों का शैक्षिक माहौल परखने और सुधारने के लिए वह स्वयं प्रतिमाह कम से कम 10 कालेजों का निरीक्षण कर रहे हैं। अब सरकार ने सभी शिक्षा अधिकारियों को वाहन भी उपलब्ध कराए हैं, जिससे भ्रमण में कोई दिक्कत न हो।

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