Epilepsy : सर्जरी से ठीक हो सकता है मिर्गी का दौरा, एम्स और केजीएमयू के डॉक्टरों ने दी सलाह
लखनऊ, अमृत विचार। भारत में 12 मिलियन लोग मिर्गी (epilepsy) की बीमारी से पीड़ित हैं। इसमें से 75 प्रतिशत लोग दवा से ठीक हो सकते हैं, लेकिन 25 फीसदी लोगों में एपिलेप्सी सर्जरी ही कारगर होगी। ऐसे में जो मरीज लंबे समय से मिर्गी का इलाज करा रहे हैं और उन्हें आराम नहीं मिल रहा है तो वह विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर इस बारे में जानकारी ले सकता है कि क्या उसके लिए सर्जरी उचित रहेगी। विशेषज्ञ डॉक्टर इसके बारे में मरीज को सुझाव दे सकते हैं। यह जानकारी दिल्ली एम्स के प्रोफेसर पी सरत चंद्रा ने दी। वह शनिवार को केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एनुअल फाऊंडेशन डे पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि एपिलेप्सी यानी की मिर्गी के 12 मिलियन मरीजों में से करीब 4 मिलियन मरीज दवाओं से ठीक हो ही नहीं सकते। उन्हें सिर्फ सर्जरी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन जागरुकता की कमी की वजह से मिर्गी की बीमारी झेल रहे मरीजों को संकट झेलना पड़ता है।
जितना इंतजार करेंगे उतना होगा नुकसान
प्रोफेसर पी सरत चंद्रा ने बताया कि दवाओं के बाद भी यदि मरीज की मिर्गी का दौरा पड़ा रहा है। वह ठीक नहीं हो रहा है ऐसे मरीजों को तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और न्यूरो सर्जन से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि मिर्गी की बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि मिर्गी के इलाज के लिए करीब 25 दवा बाजार में उपलब्ध है, यदि मरीज दो से तीन दवाओं से ठीक नहीं हुआ, तो वह फिर दवा से ठीक नहीं होगा। उसे सर्जरी ही ठीक कर सकती है।
चिकित्सक से पूछे- क्या सर्जरी मेरे लिए ठीक है
केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीके.ओझा ने बताया कि मिर्गी के मरीज जितना इंतजार करेंगे, उतना नुकसान उनके दिमाग का होगा। दौरे की वजह से जान भी जा सकती है। सर्जरी से मिर्गी का दौरा ठीक हो सकता है, लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि सभी मिर्गी के दौरे में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे में अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लें। जो मिर्गी का दौरा दवा से ठीक नहीं होता, उसमें सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
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