लखनऊ माध्ममिक शिक्षा विभाग NPS गड़बड़ी मामले में आरोपी दोनो बाबू सस्पेंड, जेडी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित

अमृत विचार लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा विभाग में बाबुओं की मिलीभगत से शिक्षकों और कर्मचारियों की बिना अनुमति के निजी कंपनियों में पैसा लगाये जाने के मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई हुई है। निजी कंपनी से मिली मिलीभगत और लापरवाही के आरोप में जहां दोनो बाबुओं को जिला विद्यालय निरीक्षक ने सस्पेंड कर दिया है। दूसरी ओर लखनऊ मंडल जेडी माध्यमिक डॉ प्रदीप कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए डीआईओएस से पूरी रिपोर्ट तलब की है। इस संबंध में डीआईओएस ने कार्रवाई करते ही तत्काल रिपोर्ट भी सौंप दी है।
रिपोर्ट मिलते ही जेडी ने अपनी अध्यक्षता में एक जांच कमेटी भी गठित कर दी है। जांच कमेटी में वित्त विभाग सहित बेसिक शिक्षा विभाग के एडी को भी शामिल किया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जिले के आशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तैनात 287 शिक्षकों को एनपीएस का पैसा जो निजी कंपनी में निवेश हुआ इसके लिए जांच में पाया गया कि शिक्षकों और कर्मचारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। ऐसे में निजीं कंपनी के लोगों से मिलीभगत और लापरवाही के आरोप में कनिष्ठ सहायक आशीष कुमार और वरिष्ठ सहायक सर्वेश निगम को सस्पेंड कर दिया गया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि आशीष और सर्वेश दोनो ही बाबुओं ने यूजर आईडी तथा पासवर्ड का दुरूपयोग कर वित्तीय अनियमितता करते हुए ऑन लाइन माह अप्रैल, मई एवं जून 2022 में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 287 शिक्षक शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के एनपीएस की धनराशि बिना अनुमति के निजी कंपनियों में निवेश कर दी थी।
ये जांच कमेटी गठित
- अध्यक्ष जेडी लखनऊ मंडल डॉ प्रदीप कुमार
-सदस्य मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक श्याम किशोर तिवारी
-वित्त लेखा अधिकारी लखनऊ मंडल
समिति इन बिंदुओं पर करेगी जांच
- निमयानुसार एनपीएस काटा गया कि नहीं
- निवेश कार्यों में शासनादेश का पालन क्यों नहीं किया गया?
-निजी कंपनियों और बाबुओं के बीच क्या सांठगाठ थी?
-इसके पीछे और कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
-आनलाइन भुगतान के बाद भी कैसे मनमानी हुई
- डीआईओएस से अनुमति क्यों नहीं ली गई?
घोटाले का भी जताया गया संदेह
विभाग में कई ऐसे भी कर्मचारी हैं जिनके एनपीएस का पैसा कटा तो है लेकिन व पैसा कहां इसकी भी जानकारी सामने आई है। ऐसे में वित्तीय घोटाले की भी आशंका जताई गई है। इसमें लेखा विभाग की भी भूमिका संदेह के घेरे में हैं।
शिक्षा महानिदेशक सभी जिलों के डीआईओएस को निया निर्देश
वहीं दूसरी ओर बड़ी बात ये भी है कि लखनऊ में मामला सानमे आने के बाद शिक्षा महानदेशक विजय किरण आनंद ने सभी जिलों के डीआईओएस को निर्देश जारी कर अपने यहां बाबूओ की भूमिका की समीक्षा करने को कहा है। विभाग भी मान रहा है कि इस तरह की गड़बड़ियों से काफी संख्या में शिक्षकों और कर्मचारियों में नाराजगी का माहौल होगा।

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