मुरादाबाद: नौ लाख लूट की मनगढ़ंत कहानी गढ़ने वाले जनसेवा केंद्र कर्मी समेत दो दबोचे
कर्मियों से पूछताछ और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर घटना का राजफाश, डेढ़ लाख रुपये के कर्ज में डूबे जनसेवा केंद्र कर्मी ने रची थी लूट की साजिश
मुरादाबाद/अमृत विचार। कांठ थाना क्षेत्र में जन सेवा केंद्र पर नौ लाख रुपये लूट मामले का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। पुलिस ने जनसेवा केंद्र कर्मी मुजीबुर्रहमान और उसके दोस्त जुनैद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि अभियुक्त जुनैद ने पूछताछ करने पर मुजीबुर्रहमान के बयान का समर्थन किया है और इन दोनों अभियुक्तों के पास से 70,000 रुपये बरामद हुए हैं।
एसएसपी हेमराज मीना ने बताया कि घटना गुरुवार की शाम की है। जानकारी मिलने पर उन्होंने भी एसपी ग्रामीण संदीप कुमार मीना संग मौके पर पहुंचकर प्रारंभिक जांच की थी। शुरुआती जांच में मुजीबुर्रहमान ने नौ लाख रुपये लूटा जाना बताया। जब इनके वित्तीय स्टेटमेंट जांचे गए और जनसेवा केंद्र के मालिक शाहनवाज निवासी नया गांव कासमपुरसे पूछताछ हुई तो पाया गया कि केंद्र पर प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो लाख रुपये का ट्रांजेक्शन होता है लेकिन, लूटी गई धनराशि इन्होंने कुछ अधिक ही बताई थी।
जनसेवा केंद्र पर पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र भी संचालित है। इस पर इनके हिसाब में मिलान किया गया तो पता चला कि घटना वाले दिन उनके पास 1.54 लाख रुपये थे। इसी रुपये को जनसेवा केंद्र कर्मी मुजीबुर्रहमान व अनस ने बैग में रखा था। फिर साजिश के तहत इन दोनों ने बताया कि दो बदमाशों ने जनसेवा केंद्र के बाहर उन लोगों पर फायरिंग की और बैग छीनकर भाग गए थे।
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में मुजीबुर्रहमान और अनस से अलग-अलग पूछताछ हुई तो स्पष्ट हो गया था कि इन लोगों ने फर्जी घटना की साजिश रची है। एसएसपी ने कहा, मुजीबुर्रहमान ने पूरी घटना को प्लान किया था। इसमें उसने अपने दोस्त जुनैद को शामिल किया था। जुनैद पुत्र अहमद हसन नया गांव कासमपुर का रहने वाला है, वह ऑटो रिक्शा चलाता है।
मुजीवुर्रहमान ने उगला सच
अभियुक्त मुजीबुर्रहमान पुत्र मोहम्मद राशिद गढ़ी का रहने वाला है। इसने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह करीब तीन-चार महीने से जनसेवा केंद्र में नौकरी कर रहा है। उसके परिवार पर करीब 1.50 लाख रुपये का कर्जा का हो गया था। जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। इसी वजह से उसने दोस्त जुनैद संग मिलकर पूरी योजना बनाई और 16 नवंबर की शाम 6.20 बजे के दौरान घटना को अंजाम दिया। इस समय साथी कर्मचारी अनस जनसेवा केंद्र का शटर बंद कर रहा था। रुपयों से भरा बैग मुजीवुर्रहमान के हाथ में था। वह बैग लेकर केंद्र के बाहर मार्ग पर आ गया था और दोस्त जुनैद को बैग देकर वहां से हटा दिया। इसके बाद मुजीबुर्रहमान ने अनस को धमकाते हुए कहा कि जनसेवा केंद्र के मालिक को बताना है कि रुपये वाला बैग बाइक सवार दो लड़के छीन ले गए हैं। बदमाशों ने फायरिंग भी की है।
घटना खोलने में सीसीटीवी कैमरे भी बने सहायक
कांठ थाना प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जनसेवा केंद्र के दस्तावेजों की जांच, कर्मियों से पूछताछ और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर घटना फर्जी होने की हकीकत पता चली। बताया कि मुजीबुर्रहमान के कब्जे से 36,500 रुपये और उसके दोस्त जुनैद के पास से 33,500 रुपये बरामद हुए हैं। साथ ही एफआईआर में दूसरे व्यक्ति की संपत्ति चुराने के आरोप से संबंधित धारा-411 बढ़ाई गई है। इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में दरोगा विपिन राठी, हेड कांस्टेबल तिलक चन्द व सुबोध भी शामिल रहे हैं।
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