लखनऊ: साजिश में शामिल पत्नी ने बता दिया था हत्यारोपी का हुलिया, प्लानिंग के बाद भी नहीं बच सका आरोपी
लखनऊ, अमृत विचार। अपने भाई के साथ मिलकर इंस्पेक्टर पति की हत्या की साजिश रचने वाली पत्नी भावना प्लानिंग को फुलप्रूफ मानकर चल रही थी। यहीं पर उससे बड़ी चूक हो गयी, घटना के चंद घंटे बाद ही हत्यारोपी का हुलिया पुलिस को बता दिया था। जिसकी पुष्टि मोहल्ले की एक अन्य महिला ने भी कर दी थी। बाकी कड़ियां सीसीटीवी फुटेज से जुड़ती गईं। फिलहाल देवेंद्र ने पुलिस को गुमराह करने की जबरदस्त साजिश रची थी।
इंस्पेक्टर की मौत के बाद अस्पताल पहुंचे पुलिस अफसरों ने उनकी पत्नी भावना से हत्यारोपी के बारे में पूछताछ की थी। भावना ने कार में सोने की बात कही थी। लेकिन गोलियों के चलने के बाद जागने पर गोली मारकर भाग रहे आरोपी के हुडी पहने होना बोल गई थी। जबकि समीप ही बने सतीश के भाई के घर में सीसीटीवी कैमरे में गोलियां चलने के करीब 65 सेकेंड बाद भावना के चीखने की आवाज रिकार्ड हुई थी। जांच में इससे भावना भी संदिग्धों की लिस्ट में थी।
देवेंद्र काफी पढ़ा लिखा है। उसने बीटेक के बाद चार साल एक बैंक में पीओ की नौकरी की। फिर नौकरी छोड़कर यूपीएसएससी की परीक्षा में बैठा, लेकिन असफल रहा। हत्या के बाद उस पर पुलिस को शक नहीं हो। इसके लिए वारदात में साइकिल का उपयोग किया, क्योंकि अब न के बराबर लोग साइकिल से चलते हैं। अपना मोबाइल घर पर भांजे के पास जरूरी काम से बाहर जाने की बात कहकर छोड़ा था। भांजे से रात में खाना मंगाने और अपने लिए शापिंग करने की भी बात कही थी।
भांजे ने घटना वाली देर रात तक उसके मोबाइल से खाना समेत अन्य सामान भी मंगाया था। पुलिस को उसके मोबाइल पर लोड जीपीएस ट्रैकिंग एप से तमाम रिकार्डिंग मिली। पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि सतीश उसकी बहन भावना को प्रताड़ित कर रहा था। मैने विरोध किया तो जीजा ने मुझसे भी अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद जीजा की हत्या की ठान ली थी।
10 किलोमीटर एरिया के 400 सीसीटीवी कैमरे खंगाले
डीसीपी विनीत जायसवाल ने इंस्पेक्टर के हत्यारोपी तक पहुंचने थाना पुलिस, साइबर सेल, क्राइम ब्रांच समेत पांच टीमें लगाईं थीं। टीमों ने छह दिन में घटना स्थल के आसपास इलाके के 10 किलोमीटर एरिया की दुकानों, मकानों व तमाम बिल्डिंगों में लगे तकरीबन 400 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज के आधार पर ही हत्या कर तमाम गलियाें में साइकिल से घूमते दिखे आरोपी तक पुलिस पहुंची।
लोकेशन ट्रैक करने के लिए कार में लगाया था ट्रैकर
आरोपी देवेंद्र ने बताया कि सतीश प्रयागराज में ड्यूटी पर था। दीपावली में उसे घर आना था। इसी तहत बहन के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची। घटना से 15 दिन पहले इंस्पेक्टर की लोकेशन की जानकारी के लिए उसकी क्रेटा कार में जीपीएस ट्रैकर लगा दिया। एक सेकेंड हैंड मोबाइल लेकर जीपीएस ट्रैकिंग एप डाउनलोड कर कार में लगे ट्रैकर से कनेक्ट कर दिया। इससे उसकी लोकेशन का पता चलता रहा। घटना के अगले दिन कार में लगा ट्रैकर निकाल कर नष्ट कर दिया था।
पत्नी सिर दर्द के बहाने सतीश को ले आयी थी घर
पुलिस ने बताया कि आरोपी इंस्पेक्टर को अकेले में मारने का मौका खोज रहे थे। घटना की रात इंस्पेक्टर, उसके भाई व अन्य सदस्य दो कार से राजाजीपुरम निवासी बहन के घर गये थे। वहां से भी साथ में ही घर लौटना था। लेकिन यहां भावना सिर दर्द के बहाने जबरन उसे घर लेकर आ गई। यहां घर से कुछ दूरी पर खड़ी एक कार के पीछे छिपे देवेंद्र ने ताला खोल रहे इंस्पेक्टर को पहली गोली 15 बोर के तमंचे से और चार गाेलियां समीप पहुंचकर पिस्टल से मारीं। इसके बाद कुछ दूरी पर खड़ी साइकिल से फरार हो गया।
यू ट्यूब से मिले नंबर पर कानपुर से लाया था असलहे
देवेंद्र को इंस्पेक्टर की हत्या करने के लिए असलहे की तलाश थी। उसने यू ट्यूब पर नंबर सर्च किये। इसमें करीब 10 मोबाइल नंबरों पर कॉल की, जिसमें से एक नंबर पर किसी से बात हुई। उसने कानपुर बुलाया था। करीब 15 दिन पहले ही वह कानपुर से एक तमंचा 315 बोर और एक पिस्टल लेकर आया था। चप्पलें भी उसने अमेजन से ऑनलाइन मंगाई थीं। पुरानी साइकिल चारबाग से एक दुकान के समीप मिस्त्री से खरीदी थी। जो हत्या के बाद ई रिक्शा पर बैठने से पहले रास्ते में छोड़ दी थी।
असलहे, कपड़े, मास्क ईंट में बांधकर नहर में फेंके
वारदात को अंजाम देकर निकला आरोपी साइकिल तमाम गलियों से होते हुए विजयनगर पहुंचा। जहां पर एक गोली मारते समय पहने कपड़े, मास्क, जूते, और असलहा एक कपड़े में रखकर ईंट से बांधने के बाद कनौसी नहर में फेंक दिये। यहां पर उसने पहले से ही साइकिल के कैरियल में दबे दूसरे कपड़े और चप्पलें पहनी और साइकिल से घर की तरफ तमाम गलियों से होते हुए रवाना हो गया था। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने शनिवार को नहर से असलहे व अन्य सामान बरामद कर लिया था।
ई रिक्शा चालक ने की थी आरोपी की पहचान
इंस्पेक्टर को रात 2:10 बजे गोली मारने के बाद आरोपी ने रास्ते में कपड़े बदले। रास्ते में कहीं साइकिल फेंकी। इसके बाद पैदल 3:20 बजे चरक चौराहा से ई रिक्शा से मेडिकल कॉलेज चौराहा पहुंचा। इसके बाद केडीसिंह बाबू स्टेडियम के समीप बैकुंठधाम रोड से निशातगंज जाने वाली रोड पर ई रिक्शा से उतर कर पुल की दूसरी तरफ निकल गया। इसके बाद पेपर मिल तिराहा के पास ई रिक्शा निशातगंज की तरफ जाता दिखा। लेकिन संदिग्ध उसमें नहीं था। पुलिस ने ई रिक्शा चालक की पहचान कर देवेंद्र का हुलिया बताया तो उसने उसे बालू अड्डे के समीप उतारने की पुष्टि की।
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