कन्नौज: किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में दो युवकों को 22-22 साल की कैद
विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने सुनाई सजा, लगाया 31,500 रुपये अर्थदंड
कन्नौज, अमृत विचार। किशोरी को घर से अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म के दोषी दो युवकों को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने 22-22 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और उन पर 31,500 रुपये का अर्थदंड लगाया है। दो आरोपियों को विवेचना के दौरान बाहर कर दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद दोषियों को जिला कारागार अनौगी भेज दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक किशोर दोहरे व शासकीय अधिवक्ता नवीन कुमार दुबे ने बताया कि सौरिख कस्बे में 18 जुलाई 2022 को अपनी मां के साथ सो रही किशोरी को ग्राम रसूलपुर निवासी इंद्रपाल सिंह पुत्र दीवान सिंह यादव, अजय उर्फ कल्लू पुत्र शिवराज सिंह यादव निवासी नगला इमलिया थाना ऐरवाकटरा जनपद औरैया तथा मोहल्ले के दो भाइयों ने अगवा कर लिया।
किशोरी की मां की तहरीर पर राजन यादव व बॉबी यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। कुछ दिन बाद किशोरी ऋषिभूमि इंटर कॉलेज चौराहे पर बदहवास हालत में मिली। किशोरी ने कोर्ट में बयान दिया कि कूलर की आवाज तेज होने के कारण आरोपियों ने उसके मुंह को कपड़ा से दबोच लिया, जिससे वह बेहोश हो गई। जब होश आया तो वह एक कमरे में थी, जहां आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया तथा शिकायत करने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी।
पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। मामले की विवेचना कर रहे तत्कालीन थानाध्यक्ष विक्रम सिंह ने आरोपी राजन व बॉबी की संलिप्तता नहीं पाई और दोनों को विवेचना में आरोपों से मुक्त कर दिया तथा आरोपी इंद्रपाल व अजय उर्फ कल्लू के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से दस गवाह पेश किए गए।
मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अलका यादव ने इंद्रपाल यादव व अजय उर्फ कल्लू को दोष सिद्ध करते हुए सामूहिक दुष्कर्म तथा पॉक्सो एक्ट में 22-22 साल कठोर कारावास तथा 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अपहरण में चार-चार वर्ष का कारावास तथा चार-चार हजार रुपये का अर्थदंड, विवाह के उद्देश्य से अपहरण में छह-छह वर्ष का कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा, मारपीट में छह-छह माह, जान से मारने की धमकी देने पर एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई है।
जुर्माने की रकम अदा न करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि सभी सजा एक साथ चलेगीं और उसमें जेल में बिताई गई अवधि को भी समायोजित किया जाएगा। दोष सिद्ध अपराधियों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया।
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