Guru Nanak Jayanti 203: कब है गुरु नानक जयंती ? सिख धर्म के लिए क्यों है खास, जानिए महत्व

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Published By Vishal Singh
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Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती सिख धर्म के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है। गुरु नानक देव की जयंती को प्रकाश पर्व और गुरु पूरब के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। इस साल 27 नवंबर को गुरुनानक जयंती मनाई जाएगी। तो आइए जानते हैं कि कौन थे गुरुनानक देव और कैसे मनाई जाती है इनकी जयंती... 

गुरु नानक जयंती का महत्व
कहा जाता है कि इसी दिन नानक जी का जन्म हुआ था। बता दें कि गुरु नानक जी ने ही सिख धर्म का नींव रखी थी, इसलिए उन्हें सिखों का पहला गुरु माना जाता है। इस दिन सिख लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। गुरु पर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन होता है। गुरु नानक देव जी ने अपने पूरे जीवन में मानवता, समृद्धि और सामाजिक न्याय की निस्वार्थ सेवा का प्रचार किया। साथ ही यह भी माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने ही लंगर की प्रथा भी शुरू की थी। यही कारण है कि गुरु नानक जयंती, सिख धर्म के सबसे प्रमुख पर्व में से एक है।

कैसे मनाई जाती है इनकी जयंती?
गुरु नानक जयंती केवल एक दिन के लिए नहीं बल्कि यह पर्व तीन दिन चलता है। जिसमें गुरुद्वारों में अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है। इस दौरान सिख समुदाय की आध्यात्मिक पुस्तक अर्थात श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का लगातार 48 घंटे तक पाठ किया जाता है। गुरु नानक के जन्मदिन से एक दिन पहले नगर कीर्तन जुलूस निकाला जाता है।

इस दौरान सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में ले जाया जाता है। इस पर्व के दौरान लोग सुबह-सुबह आसा-दी-वार गाते हैं। दोपहर में लंगर तैयार की व्यवस्था की जाती है, जिसमें जरूरतमंदों को खाना खिलाया जाता है। इस तरह दूसरों की सेवा द्वारा ही गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाता है।

(नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। अमृत विचार इसकी पुष्टी नहीं करता है।) 

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