बरेली: सर्द रातों में ठिठुरने लगे लोग...रैन बसेरों का पता नहीं, साहब बोले- अभी इतनी ठंड कहां है?
बरेली, अमृत विचार। दिसंबर महीने की शुरुआत होने के साथ ही ठंड और भी बढ़ गई है। दिन में भले ही कुछ राहत हो, लेकिन रात होते ही ठिठुरन बढ़ जाती है। ऐसे में बेसहारा गरीब लोगों और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अभी तक नगर निगम की ओर से अस्थाई रैन बसेरों को बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
दरअसल, सुबह-शाम ज्यादा ठंड हो रही है। शहर में बाहर से आने वाले राहगीरों और सड़क पर रहकर अपना गुजारा करने वालों के लिए नगर निगम हर साल अस्थाई रैन बसेरों को बनाता है। ताकि सड़क पर सर्द रात में कोई ठिठुरता न मिले।

रैन बसेरे नहीं बनने से ठंड में भटक रहे लोग: नगर निगम चौपुला चौराहा, पुराना रोडवेज बस अड्डा, डेलापीर, सेटेलाइट बस अड्डा आदि स्थानों पर अस्थाई रैन बसेरों को बनाता है। जिनमें लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है। उन्हें सोने के लिए कंबल और रजाई आदि भी मिलता है। जिससे राहगीरों और सड़क पर रहने वाले गरीब बेसहारा लोगों को सर्द रात में ठंड से राहत मिलती है।
साथ ही लोग अपने आप को सुरक्षित भी महसूस करते हैं। लेकिन अभी तक नगर निगम ने अस्ठाई रैन बसेरे बनाने की शुरुआत नहीं की है। जिसके चलते लोग सर्द रातों में इधर-उधर भटक कर परेशान हो रहे हैं या फिर कूड़े का ढेर जलाकर अपना समय गुजार रहे हैं।
सड़क किनारे कंबल में ठिठुरते मिले गरीब: ऐसे में जब इन सर्द रातों के बीच जब अमृत विचार की टीम ने शहर के चौकी चौराहा, पटेल चौक, श्यामगंज, सैटेलाइट बस अड्डा, गांधी उद्यान, विकास भवन रोड, बरेली जंक्शन, पुराना रोडवेज, जोगी नवादा समेत तमाम इलाकों का जायजा लिया तो तमाम बेसहारा लोग कंबल में लिपटे ठिठुरते मिले। वहीं जिला अस्पताल के रैन बसेरे में भी अव्यवस्थाएं मिलीं और तीमारदार ठंड में जैसे-तैसे रात काटते नजर आए। वहीं जंक्शन पर भी ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली।
अभी इतनी ठंड कहां है। जब ठंड पड़ने लगेगी तब रैन बसेरों का निर्माण करा दिया जाएगा। -डी.के. शुक्ला, शासकीय अभियंता, नगर निगम
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