मुरादाबाद: जेवरात व नकदी समेत कुल 43.15 लाख के माल संग तीन अभियुक्त गिरफ्तार

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Published By Priya
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मुरादाबाद, अमृत विचार। पाकबड़ा थाना क्षेत्र की पुलिस को सोमवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। थानाध्यक्ष राजीव कुमार शर्मा व उनकी टीम ने जेवरात व नकदी समेत कुल 43.15 लाख के माल संग तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इन अभियुक्तों के कब्जे से 600 ग्राम सोने के जेवरात मिले हैं, इसकी कीमत लगभग 42 लाख रुपए बताई गई है। एक किलो चांदी के जेवरात भी मिले हैं, इसकी कीमत पुलिस में 80 हजार रुपए बताई है। 

इन अभियुक्तों के पास पुलिस ने 35,380 रुपए नगद और फर्जी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ताला तोड़ने के उपकरण भी बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक यातायात सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में नदीम पुत्र यूनुस, जावेद पुत्र यामीन और तहुर उर्फ ताहिर उर्फ तोमर पुत्र इकबाल हैं। यह तीनों अभियुक्त गाजियाबाद जिले के रहने वाले हैं। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि यह तीनों अभियुक्त झारखंड राज्य के रांची जिले के थाना क्षेत्र तोरंडा और सराईकेला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र से बड़ी चोरी करके हाईवे पर निकल रहे थे।

 पाकबड़ा थाना पुलिस ने चेकिंग के दौरान इन लोगों को पकड़ा है। थाना अध्यक्ष राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि ये लोग कार से चोरी के माल को बचने के लिए जा रहे थे। वह टीम के साथ हाईवे पर संदिग्ध वाहनों की रोककर चेकिंग कर रहे थे, इसी दौरान यह लोग पकड़े गए हैं। अभियुक्तों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि वह लोग बंद घरों एवं फ्लैटों में चोरी करते हैं। उन लोगों बरामद किए गए सामान की चोरी उन्होंने रांची के झारखंड के डोरंडा थाना क्षेत्र के सरस्वती बेला सोसाइटी के फ्लैट में 29 नवंबर को दिन में ताला तोड़कर की थी। 

वह लोग सोसाइटी में कार से जाकर पहले बंद घरों की रेकी करते हैं और जिस घर में ताला लगा होता है उसे ही वह निशाना बनाते हैं। अभियुक्तों ने पूछ पांच में पुलिस को बताया है कि उन तीनों ने ही रांची, जमशेदपुर और आदित्यपुर में चोरी करके माल आपस में बांटकर आज (सोमवार) को वापस आ रहे थे और चोरी के इस माल (बरामद) को बेचने की फिराक में थे। अभियुक्तों ने पुलिस से बताया है कि उन्होंने पहले भी गाजियाबाद, दिल्ली, कोलकाता में इसी तरह की कई चोरियां की हैं और कई बार जेल भी जा चुके हैं।

जेल में हुई मुलाकात तब बनाया गिरोह
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने पुलिस को बताया है कि उन तीनों की मुलाकात भी जेल में हुई थी। इसके बाद ही उन्होंने बड़ी चोरियों को अंजाम देने के लिए संगठन बनाया था। बरामद आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के बारे में इन अभियुक्तों में नदीम व तहुर ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि उन्होंने यह आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र फर्जी तैयार किए हैं। जिससे कि उन्हें कोई कहीं चेक करें तो वह उनका असली नाम नहीं जान पाए।

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