बरेली: कुतुबखाना पुल की अब इस्लामिया रोड पर मार, सहालग में भी मंदी से जूझ रहे हैं दुकानदार
बरेली, अमृत विचार। कुतुबखाना पुल के निर्माण की मार अब इस्लामिया रोड के कपड़ों और टेलरिंग की दुकानें चलाने वालों पर पड़ रही है।
कार्यदायी संस्था के जीआईसी ग्राउंड में निर्माण सामग्री का प्लांट लगाए जाने के बाद से धूल से उनका हाल खराब हो गया। पानी का छिड़काव न होने से दिन भर इस रोड पर धूल के गुबार उड़ते हैं। ऐसे में दुकानदारों के लिए अपनी दुकानों में कपड़ों को धूल से बचाना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। फेफड़ों में भी धूल भर रही है सो अलग। इसी वजह से ग्राहकों ने भी खरीदारी के लिए इधर आना कम कर दिया है।
जीआईसी ग्राउंड में आठ महीने पहले प्लांट लगाया गया था। तभी से लोग यह दिक्कत झेल रहे हैं। जीआईसी ग्राउंड से दिनभर निर्माण सामग्री लेकर वाहनों की आवाजाही चलती रहती है। सड़क पर जमी मिट्टी दिनभर धूल की शक्ल में उड़ती रहती है। इससे लोगों के चेहरे तक धूल से अट जाते हैं।
कार्यदायी संस्था के छिड़काव न कराने की वजह से दुकानदारों को खुद रोज चार से पांच बार छिड़काव करना पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि वे कई बार प्लांट देख रहे ठेकेदार से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसका असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है। सहालग में भी वे मंदी से जूझ रहे हैं। धूल की वजह से ग्राहक इस मार्केट में आने से कतरा रहे हैं।
हर तरफ मानकों की अनदेखी
वायु प्रदूषण से निजात के लिए एनजीटी ने निर्माण कार्य के दौरान पानी का छिड़काव करने, खुदाई या ध्वस्तीकरण जैसे कामों के दौरान धूल का फैलाव रोकने के लिए हरी चादर लगाने, सड़कों की नियमित सफाई और धूल उठने पर पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं लेकिन शहर में काम कर रहीं कार्यदायी संस्थाएं इनमें से कोई काम नहीं करा रही हैं। कुतुबखाना पुल, सिविल लाइंस, पीलीभीत बाईपास पर चल रहे निर्माण की वजह भारी प्रदूषण फैल रहा है जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
सहालग में भी छाई है मंदी
लगातार धूल उड़ने से इस्लामिया रोड पर हालात बहुत खराब हैं। दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं। चार-पांच बार रोज पानी का छिड़काव करने के बाद भी कपड़ों पर धूल की परत जम जाती है। -इकबाल, दुकानदार
जीआईसी मैदान कार्यदायी संस्था को देने से हमारा कारोबार चोपट हो गया है। कई बार शिकायत कर चुके हैं। छिड़काव न होने से कपड़ों पर धूल जम जाती है। सहालग में भी मंदी झेल रहे हैं। -अफजल, दुकानदार
रात भर रोड पर वाहनों की आवाजाही होती है। रात में दुकान बंद कर सुबह खोलते हैं तो कपड़ों पर मिट्टी की परत जमी मिलती है। सुबह से शाम तक कई बार सफाई करते हैं। धूल में सांस लेना मुश्किल है। -नासिर, टेलर
स्मार्ट सिटी के अफसर और कुतुबखाना पुल बना रही कार्यदायी संस्था के जिम्मेदार बेपरवाह हैं। धूल से बचाव के लिए कई ठेकेदार से बार छिड़काव के लिए कहा जा चुका है लेकिन हालात जस के तस है। -सर्वेश, ग्राहक
बारिश की वजह से आज थोड़ी राहत है। रोज खुद धूल से बचाव के लिए इंतजाम करने पड़ते हैं। धूल से बचाने के लिए कपड़ों को ढकना पड़ता है। अगर नियमित छिड़काव हो तभी राहत मिल जाएगी। -धर्मेंद्र, दुकानदार
इस्लामिया रोड पर दिन पर वाहन चलते हैं। धूल न उड़े इसके लिए सुबह, दोपहर, शाम में दिन भर में तीन बार छिड़काव कराया जाता है। कहीं कोई समस्या नहीं है। - एमके सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर कार्यदायी संस्था
शहर के व्यस्त इलाके में प्लांट लगा होने की वजह से ठेकेदार को पहले ही इस्लामिया रोड पर छिड़काव कराने के निर्देश दिए गए थे। दुकानदारों की समस्या वास्तविक है। पानी का छिड़काव नियमित ढंग से होता रहेगा।- अरुण कुमार, डीपीएम
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