खुलेंगे विकास के रास्ते
आज दुनिया भारत को उम्मीद और सम्मान से देख रही है। अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसके लिए बड़ी आबादी वाले भारत जैसे देश की अर्थव्यस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम लघु क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।
यह उद्यमिता को बढ़ावा देता है और रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करता है। वर्तमान में देश में स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को मजबूत करने का समय है। शुक्रवार को देहरादून में आयोजित ‘उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023’ के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में बदलाव की तेज हवा चल रही है। पिछले 10 वर्षों में एक आकांक्षी भारत का निर्माण हुआ है।
हमारे एमएसएमई को मजबूत करने का समय है। उस पर निवेश करने का समय है। हमें भारत में ऐसी आपूर्ति श्रृंखला विकसित करनी है कि हम दूसरे देशों पर कम से कम निर्भर हों। भारत के हर जिले और ब्लॉक के उत्पादों में वैश्विक बनने की क्षमता है।
वास्तव में उत्तराखंड तेजी से उद्योगों की अपार संभावनाओं वाले युवा राज्य के रूप में उभर रहा है। उत्तराखंड में मध्यमवर्गीय समाज की ताकत एक बड़ा बाजार तैयार कर रही है। राज्य में निवेश को लेकर पिछले पांच साल से यहां अप्रत्याशित बदलाव हुए हैं। शिखर सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य इस पहाड़ी राज्य को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के तौर पर प्रस्तुत करना है।
शिखर सम्मेलन में 2.5 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने थे, लेकिन इस लक्ष्य को कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही पार कर लिया गया। अब तक कुल तीन लाख करोड़ रुपये के एमओयू हो चुके हैं। उद्घाटन अवसर पर अडानी ग्रुप, जिंदल ग्रुप, बाबा रामदेव और आईटीसी ने राज्य में बड़े निवेश का एलान किया।
उत्तराखंड में निवेश के लिए पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में सड़क, रेल, और हवाई क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है, जिससे उद्योग समूहों को राज्य में निवेश करने में आसानी होगी। निवेशक सम्मेलन भारत की पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा और उत्तराखंड निवेश के नए केंद्र के रूप में स्थापित होगा। प्रधानमंत्री ने भी निवेशकों से उत्तराखंड के साथ चलने और इसकी विकास यात्रा में भाग लेने की अपील की।
उन्होंने उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में स्थापित करने को कहा। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह निवेशक सम्मेलन केवल समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने तक ही सीमित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भरोसा दिलाया है इस दौरान हुए अनुबंधों को धरातल पर उतारने का काम किया जाएगा। सम्मेलन से राज्य में विकास के रास्ते खुलेंगे।
