लखीमपुर-खीरी: विभागों में विकास कार्यों की प्रगति हुई मंद, निर्माण संबंधी कार्य पिछड़े
एक माह में 27 पायदान नीचे गिरकर 59वें पायदान पर पहुंचा खीरी
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। जनपद में पिछले एक माह के दौरान ही कई विभागों में विकास कार्य की गति मंद पड़ गई है। निर्माण संबंधी कार्य पिछड़ गए हैं, तो वहीं लाभकारी स्कीम वाले विभाग भी लोगों तक लाभ पहुंचाने में पिछड़ते जा रहे हैं। इसके चलते प्रदेश की रैंकिंग में जनपद खीरी का ग्राफ लगातार लुढ़कता जा रहा है।
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सीएम डैशबोर्ड पर प्रदेश के 75 जनपदों की नवंबर की रैंकिंग में खीरी 31वें स्थान से लुढ़ककर 59वें स्थान पर पहुंच गया है, जिससे आला अधिकारियों की किरकिरी हुई है। वहीं डीएम व सीडीओ द्वारा विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए जाने के बाद से खलबली मची है।
बता दें कि मुख्यमंत्री डैश बोर्ड के माध्यम से प्रतिमाह प्रदेश के सभी जनपदों में कराए जा रहे विकास व निर्माण कार्यों की समीक्षा की जाती है। विभागीय कार्यों की प्रगति के आधार पर संबंधित विभागों को अंक देकर उनकी ए, बी, सी, डी व ई ग्रेडिंग की जाती है। इसमें सी, डी व ई श्रेणी पाने वाले विभागों की स्थिति सबसे खराब मानी जाती है।
इसी आधार पर प्रदेश के जनपदों की रैकिंग निर्धारित की जाती है। अक्तूबर माह की रैंकिंग में खीरी 31वें स्थान पर रहा था, जिसके बाद नवंबर माह की रैंकिंग में 27 पायदान नीचे खिसककर 59वें पायदान पर पहुंच गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के निपुण असेस्मेंट टेस्ट (नैट) को ई श्रेणी मिली है, जो सबसे खराब स्थिति को दर्शाता है।
इसी विभाग की एमडीएम योजना में छात्रों की उपस्थिति में डी श्रेणी आई है। नवंबर तक एक भी जोड़े का विवाह न कराने के कारण मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को ई श्रेणी मिली है। ग्रामीण विकास के तहत एनआरएलएम की बैंक क्रेडिट योजना में ई श्रेणी मिली है।
इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की उपलब्धता, पशुपालन विभाग की कृत्रिम गर्भाधान योजना, पिछड़ा वर्ग की शादी अनुदान योजना, जिला उद्योग केंद्र की मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना को डी श्रेणी मिली है, जिससे पता चलता है कि इन विभागों में अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वाहन करने में रूचि नहीं ले रहे हैं।
ऐसे ही पंचायती राज विभाग में संचालित स्वच्छ भारत मिशन फेज टू के तहत ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन में डी श्रेणी मिली है। इन हालातांें से आशंका जताई जा रही है कि अगले महीने जारी होने वाली रैंकिंग में सुधार होने की गुंजाइश कम ही रहेगी। सिर्फ एक-दो विभागों को छोड़कर अन्य विभागों के कार्यों में तेजी आने की उम्मीदें कम ही हैं, क्योंकि दिसंबर माह के समापन में एक पखवाड़े से भी कम समय बचा है। लिहाजा अगले महीने तक कुछ विभागों पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है।
पाइप पेयजल परियोजना की प्रगति हुई धीमी
जनपद में सबसे बड़ी योजना में शुमार जल जीवन मिशन के तहत जनपद की 1165 ग्राम पंचायतों में पाइप लाइन से प्रत्येक घर में नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जानी है। जल जीवन मिशन के तहत चलाए जा रहे हर घर नल अभियान को मार्च 2024 तक पूरा किया जाना है, लेकिन 38 पेयजल परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए वन विभाग और रेलवे विभाग की एनओसी नहीं मिल पाई है। इससे जल निगम की रैकिंग में सुधार नहीं हो पा रहा है।
रैंकिंग में सुधार न आने पर कार्रवाई की चेतावनी
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बी, सी, डी व ई रैंक वाले विभागों को प्रगति में अपेक्षित सुधार दिसंबर के अंत तक लाने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने बी, सी, डी व ई रैंक से सम्बन्धित अधिकारियों को सुझाव भी दिया कि सर्वप्रथम रैंक खराब होने के कारणों का पता लगाकर उसका स्थायी समाधान कराएं। साथ ही डीएम ने अफसरों को चेताया है कि अगली माह की रैंकिंग बेहतर न हुई, तो कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
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