Kanpur News: ठंड बढ़ने के साथ अचानक बढ़ गए कुष्ठ रोगी, सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंच रहे मरीज
कानपुर में ठंड बढ़ने के साथ अचानक बढ़ गए कुष्ठ रोगी।
कानपुर में ठंड बढ़ने के साथ अचानक बढ़ गए कुष्ठ रोगी। हर हफ्ते कुष्ठ के लक्षण युक्त 60 से ज्यादा मरीज सरकारी अस्पतालों में पहुंच रहे।
कानपुर, अमृत विचार। सर्दी के मौसम में संक्रामक रोगों का खतरा अधिक बढ़ गया है। वातावरण में फैले माइक्रो बैक्टीरियम लेप्री के कारण लोग इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। बैक्टीरिया से होने वाले इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में प्रभावित अंगों में दाग, धब्बे, उनमें सुन्नपन, गर्म व ठंडे का अहसास होना बंद हो जाता है। ऐसे लक्षण दिखने पर लापरवाही न बरतें, बल्कि डॉक्टर से परामर्श लें।
सर्दी बढ़ने के साथ ही हैलट, उर्सला, केपीएम, कांशीराम संयुक्त अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुष्ठ रोगियों की संख्या भी बढ़ गई है। कुष्ठ के लक्षण युक्त एक सप्ताह में करीब 60 से अधिक मरीज इलाज कराने को ओपीडी में पहुंच रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर मरीजों को बैक्टीरिया से बचाव, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने, ठंड से बचाव और आग तापने के दौरान पास में न जाने की की सलाह दे रहे है।
वही, सीएमओ स्तर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अब मात्र करीब दो सौ लोग कुष्ठ रोग की चपेट में है। वही, समय से कुष्ठ रोग की पहचान और उसका इलाज न होने पर दिव्यांगता का खतरा भी रहता है। सर्दी के मौसम में यह रोग होने की संभवना काफी बढ़ जाती है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रो. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि अगर शरीर में सुन्न दाग धब्बों की संख्या पांच या इससे कम हैं तो रोगी पासीबेसिलाई (पीबी) और सुन्न दाग धब्बों की संख्या पांच से अधिक है और नसें प्रभावित हैं तो रोगी यह मल्टी बेसिलाई (एमबी) कुष्ठ से ग्रस्त होता है। पीबी का इलाज छह माह और एमबी का इलाज 12 माह चलता है। ओपीडी में ऐसे कुष्ठ के लक्षणयुक्त मरीज आ रहे हैं।
21 दिसंबर से चलेगा अभियान, गठित होगी टीम
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि सघन कुष्ठ रोगी खोज अभियान 21 दिसंबर से चार जनवरी तक चलेगा। अभियान के लिए 5,390 टीम तैयार की गई हैं। प्रत्येक टीम में आशा कार्यकर्ता के साथ एक पुरुष कार्यकर्ता भी तैनात किए गए है। आशा कार्यकर्ता संभावित महिला रोगी की एकांत में जांच करेंगी। जबकि पुरुष कार्यकर्ता पुरुषों की जांच करेंगे। कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों से सरकारी प्रावधानों के अनुसार संबंधित रोगी का इलाज शुरू किया जाएगा। वही, रोगियों की पहचान करने टीमें घर-घर जाएंगी।
कुष्ठ रोग के यह लक्षण
1.त्वचा पर लाल रंग या फीके रंग का धब्बा होना
2. दाग में सुन्नपन या सुन्नपन का अहसास होना।
3. त्वचा का चमकीली व तैलीय होना।
4. कर्ण पल्लव का मोटा होना या गांठ होना
5. आंख को बंद करने में दिक्कत या पानी आना |
6. आंख के ऊपर भौहों का खत्म होना।
7. हाथों में घाव या दर्द रहित घाव और हथेली पर छाले
8. हाथ या पैर की अंगुलियां मुड़ना
